रबड़ फैक्ट्री के पीड़ित कर्मचारी रविवार को एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में रामपुर गार्डन के अग्रसेन पार्क से जुलूस निकालते हुए कैंट विधायक एवं भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल के कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों ने विधायक से मिलकर करोड़ों रुपये का भुगतान दिलाने की मांग की। अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि 26 साल से मुंबई की अदालतों में चक्कर काट रहे हैं।
पीड़ित कर्मचारियों ने रामपुर गार्डन स्थित कार्यालय पर संजीव अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि मुंबई उच्च न्यायालय से लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय और श्रम विभाग बरेली ने कर्मचारियों के वैधानिक देय भुगतानों को माना है। अदालतों के चक्कर काट-काट कर 26 साल हो गए, अभी तक राहत के नाम पर कोई भी सकारात्मक कदम शासन और प्रशासन ने नहीं उठाया। वर्तमान में फैक्ट्री की जमीन पर कब्जा लेने के लिए जिला प्रशासन ने सिविल कोर्ट बरेली में वाद दायर किया है।
अभी कितना समय और लगेगा, इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं। 26 सालों में 450 से अधिक कर्मचारी मृत्यु के शिकार हो चुके हैं। मजदूरों की आज भी बद से बदतर स्थिति है। लोग आर्थिक तंगी का शिकार हो रहे हैं। कर्मचारियों ने कैंट विधायक से कहा कि 2009 में नेशनल हाईवे में रबड़ फैक्ट्री की करीब 6.37 हेक्टेयर जमीन गई थी, जिसकी मुआवजा धनराशि शासन प्रशासन के खाते में पड़ी है, उस धनराशि से कम से कम अंतरिम राहत का भुगतान करने की मांग उठायी और इस भुगतान को अंतिम भुगतान राशि में से काटने की बात कही।
वह सरकार तक हमारी बात पहुंचाएं। इस पर विधायक ने कहा कि मजदूर साथियों के साथ हैं, न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। वह और वनमंत्री डॉ अरुण सक्सेना मिलकर मुख्यमंत्री और शासन से बातचीत कर समस्या का हल निकालने की कोशिश करेंगे। इससे पहले सभी कर्मचारियों ने अग्रसेन पार्क में एकत्र होकर बैठक की और जुलूस की शक्ल में विधायक संजीव अग्रवाल के कार्यालय पर पहुंचे। मिलने वालों में अजय भटनागर, प्रमोद कुमार, शैलेंद्र चौबे, प्रदीप रस्तोगी, एसके निगम, ओम प्रकाश गंगवार, रत्नेंद्र कुमार शर्मा आदि कर्मचारी और महिलाएं शामिल थीं।