उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम, 35 जिलों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के अहम निर्देश

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 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। सहकारिता क्षेत्र में शैक्षिक और शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में सहकारी महाविद्यालय की स्थापना का आदेश दिया है। इसके साथ ही, 35 जिलों में अन्न भंडारण योजना को लागू करने के लिए भी ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल की मौजूदगी में हुई सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में इन विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। केंद्रीय राज्यमंत्री ने इन पहलों की सराहना की और हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

एम-पैक्स सदस्यता महाअभियान पर जोर

बैठक में एम-पैक्स सदस्यता महाअभियान पर विशेष ध्यान दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को अपनाते हुए 12 सितंबर से 12 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान का लक्ष्य हर किसान और ग्रामीण परिवार को सहकारिता से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि 2023 में पहले महाअभियान में 30 लाख से अधिक नए सदस्य जोड़े गए, जिनमें 17.33 लाख किसान, 3.92 लाख अकुशल श्रमिक, 1.56 लाख कुशल श्रमिक, 2.20 लाख पशुपालक और 6,411 मत्स्यपालक शामिल थे। इस अभियान से ₹70 करोड़ का अंशदान प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने द्वितीय महाअभियान को और व्यापक बनाने के लिए गांव-गांव में शिविर, ऑनलाइन/ऑफलाइन पंजीकरण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की सहकारिता उपलब्धियों को अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि प्रदेश प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

सहकारी बैंकों का पुनर्जनन

सहकारी बैंकिंग सुधारों की समीक्षा में बताया गया कि 2017-18 से 2024-25 तक राज्य सरकार ने 16 बंद जिला सहकारी बैंकों को ₹306.92 करोड़ की सहायता से पुनर्जनन किया। इन बैंकों का एनपीए 2017 में ₹800 करोड़ से घटकर मार्च 2025 में ₹278 करोड़ हो गया। मार्च 2025 तक इन बैंकों ने ₹1,000 करोड़ का ऋण व्यवसाय दर्ज किया और सभी बैंक लाभकारी स्थिति में आ गए। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसानों और जमाकर्ताओं का विश्वास सहकारिता की सबसे बड़ी ताकत है, जिसे हर हाल में बनाए रखना होगा। उन्होंने सहकारिता को भारतीय ग्रामीण समाज की प्राचीन परंपरा बताते हुए इसके सामाजिक एकता में योगदान को रेखांकित किया।

अन्न भंडारण योजना में तेजी

अन्न भंडारण योजना की प्रगति पर चर्चा में बताया गया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 35 जनपदों में 96 स्थानों की पहचान की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 15 नवंबर 2025 तक वित्तीय प्रक्रियाएं पूरी कर जनवरी 2026 से निर्माण कार्य शुरू हो जाए, जिसे अप्रैल 2026 तक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि गोदाम निर्माण किसानों की समृद्धि का आधार है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

एम-पैक्स की प्रगति और डिजिटल पहल

एम-पैक्स के गठन और कार्यप्रणाली की समीक्षा में बताया गया कि 2024-25 में 266 एम-पैक्स के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 457 नए एम-पैक्स गठित हो चुके हैं। सितंबर माह में 1,088 ग्राम पंचायतों में संगठन प्रक्रिया जारी है। एम-पैक्स को उर्वरक वितरण के लिए ₹10 लाख तक ब्याज-मुक्त ऋण सीमा दी गई है, जिससे ₹5,400 करोड़ का टर्नओवर और ₹120 करोड़ की मार्जिन मनी प्राप्त हुई। साथ ही, 757 नए एम-पैक्स के लिए ₹1 लाख मार्जिन मनी और ₹1 लाख बुनियादी ढांचे के लिए प्रदान किए जा रहे हैं।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 6,101 सहकारी समितियों में क्यूआर/यूपीआई आधारित प्रणाली लागू की गई है। व्यवसाय विविधीकरण के तहत 5,170 एम-पैक्स में सीएससी सेवाएं, 6,443 में पीएम किसान समृद्धि केंद्र और 161 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जन औषधि केंद्रों को अस्पतालों के पास स्थापित करने और सहकारिता को युवाओं के लिए कृषि, डेयरी, मत्स्य और सेवा क्षेत्रों में रोजगार का साधन बनाने का निर्देश दिया।

बैठक में उपस्थिति

बैठक में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रकाश शाही, धर्मपाल सिंह, संजय निषाद, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, भारत सरकार के सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, नाबार्ड के डीजीएम एनएल साहू और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।