मथुरा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मिली BJP सांसद हेमा मालिनी, राहत शिविरों का किया निरीक्षण

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यूपी में पिछले कई दिनों से यमुना का रौद्र रूप लगातार जारी है. बढ़ते जलस्तर से आगरा और मथुरा में भी यमुना का प्रकोप नजर आ रहा है. वहीं प्रदेश के कई जिले यमुना और गंगा का प्रकोप झेल रहे हैं. इस बीच प्रशासन की तरफ से बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर से लेकर हर तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं.

ऐसे में यूपी के मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी भी बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंची है. सांसद हेमा मालिनी ने आज (10 सितंबर) को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बने राहत कैंपों का निरीक्षण किया और बाढ़ पीड़ितों से बातचीत कर उनका हाल भी जाना है. इस दौरान वहां रह रहीं महिलाओं के बच्चों को गोद में उठाकर दुलारती भी नजर आईं हैं.

क्या बोलीं बीजेपी सासंद हेमा मालिनी

बता दें सांसद हेमा मालिनी ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों को अपने हाथ से खाना भी परोसा है. इस बीच उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए योगी सरकार के काम की जमकर तारीफ की है.उन्होंने कहा कि यह जो हो रहा है अच्छा नहीं हो रहा है बेचारे लोगों को अपना घर छोड़कर यहां रहना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा, यहां पर आए लोगों के लिए अधिकारियों, प्रशासन और खासतौर पर डीएम के द्वारा बेहतरीन इंतजाम किए गए हैं जो तारीफ के योग्य हैं. वहीं उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी 12-13 शिविर और हैं उधर भी जाकर हम हालातों का जायजा लेंगे.

बता दें हेमा मालिनी ने इस दौरान बाढ़ पीड़ितों की मदद की वहीं वह लोगों को खाना बांटती हुई नजर आ रही है. इसके अलावा उन्होंने मथुरा में बने अन्य शिविरों का भी निरिक्षण किया है और कैंपों में रह रही महिलाओं के बच्चों को भी प्यार किया है.

बाढ़ पीड़ितों के लिए लगाए गए कैंप

आगरा से आए बाढ़ पीड़ितों के लिए मथुरा के वृंदावन में विशेष कैंप का आयोजन किया गया, जहां प्रशासन और स्थानीय संगठनों ने मिलकर बेहतरीन व्यवस्था की. माननीय सांसद, जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की जा रही है.

कैंप में शरणार्थियों के आराम के लिए अलग-अलग टेंट लगाए गए हैं, भोजन पकाने के लिए रसोई की व्यवस्था है और भोजन परोसने के लिए भी अलग स्थान निर्धारित किए गए हैं. सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके साथ आए पशुओं, गाय और बकरियों, की देखभाल के लिए भी प्रबंध किया गया है. पशु चिकित्सक भी मौके पर मौजूद हैं.

शरणार्थियों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जो इन व्यवस्थाओं से बेहद संतुष्ट और खुश नजर आए. एक बुजुर्ग महिला ने बच्चों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि प्रशासन, ISKCON और अन्य संगठनों की तरफ से की गई मदद काबिले-तारीफ है.