तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मंगलवार (09 सितंबर, 2025) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य के शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की अपील की. मुख्यमंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी था.
मुख्यमंत्री ने सीतारमण को बताया कि तेलंगाना सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए हैं. उनका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों, जो राज्य की लगभग 90% आबादी हैं, को कॉर्पोरेट स्तर की शिक्षा देना है.
तेलंगाना में 30,000 करोड़ रुपए की परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 105 विधानसभा क्षेत्रों में ‘यंग इंडिया इंटीग्रेटेड रेजिडेंशियल स्कूल’ बनाए जा रहे हैं. हर स्कूल में 2,560 छात्र पढ़ सकेंगे, जिससे कुल 2.70 लाख छात्रों को इन स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा. इन स्कूलों के निर्माण पर लगभग 21,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
इसके अलावा, जूनियर, डिग्री और तकनीकी कॉलेजों में आधुनिक लैब और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर 9,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. कुल 30,000 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से सहयोग मांगा.
पिछली सरकार पर मुख्यमंत्री ने साधा निशाना
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि ‘यंग इंडिया’ स्कूलों के निर्माण पर होने वाले खर्च को FRBM (राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन) सीमा से छूट दी जाए. उन्होंने कहा कि यह खर्च निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने निर्मला सीतारमण से राज्य के कर्ज को पुनर्गठित करने का भी अनुरोध किया.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने मनमाने ढंग से बहुत अधिक ब्याज दरों पर कर्ज लिया था, जिससे राज्य सरकार पर कर्ज चुकाने का भारी बोझ आ गया है. इस पर वित्त मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. इस बैठक में कांग्रेस सांसद डॉ. मल्लू रवि, पोरीका बलराम नाइक, सुरेश शेटकर, चमला किरण कुमार रेड्डी और राज्य के वित्त सचिव संदीप कुमार सुल्तानिया भी मौजूद थे.