यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से आसपास के गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बाढ़ का पानी गांवों में घुसने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने अब तक लगभग 20 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है. इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है, जिसकी जान समय रहते अस्पताल पहुँचाकर बचाई जा सकी.
थाना रबूपुरा क्षेत्र के यमुना किनारे रहने वाली एक गर्भवती महिला अपने पति और छोटे बच्चों के साथ अस्पताल जाने के लिए निकली थी, लेकिन अचानक बढ़े जलस्तर के कारण वह परिवार सहित बाढ़ के पानी में फंस गई. महिला दर्द से कराह रही थी और उसकी हालत बिगड़ रही थी. इसी दौरान वहां से गुजर रही पुलिस और एनडीआरएफ की टीम को उसकी आवाज सुनाई दी. तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम ने गर्भवती महिला और उसके परिवार को रेस्क्यू कर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने बताया कि यदि समय पर इलाज न मिलता तो महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान जा सकती थी.
इसके अलावा कई अन्य ग्रामीण भी बाढ़ के पानी में फंसे हुए थे, जिन्हें सुरक्षित निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. एनडीआरएफ और पुलिस की टीम लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है और ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील कर रही है. साथ ही बाढ़ क्षेत्र में लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट कर लोगों को घरों से बाहर न निकलने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है.
यमुना का बढ़ता जलस्तर न केवल ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित कर रहा है बल्कि किसानों की फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. खेतों में खड़ी धान और अन्य फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. रबूपुरा थाना क्षेत्र के मेहंदीपुर और चंडीगढ़ गांवों में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिस पर प्रशासन की टीमें कड़ी नजर बनाए हुए हैं.
रबूपुरा कोतवाली पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध कराई जाएगी. यमुना किनारे बसे लोगों से अपील की जा रही है कि वे बाढ़ के पानी में न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.