उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी क्षेत्र से राहत की खबर आई है. मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट और रातभर हुई बारिश के बावजूद यमुनोत्री धारा का जल स्तर करीब दो फीट घटा है. रविवार को जहां पानी का स्तर लगभग पांच फीट तक बढ़ गया था, वहीं सोमवार सुबह इसमें कमी देखी गई.
स्थानीय लोगों के अनुसार, यमुनोत्री पर बने लोहे के पुल को रविवार को पानी छू रहा था लेकिन अब बहाव पुल से लगभग दो फीट नीचे से गुजर रहा है. यही नहीं, घरों और होटलों में भी पानी का स्तर करीब दो फीट कम हुआ है. हालांकि मौसम विभाग ने 25, 26 और 27 अगस्त के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में प्रशासन मलबा हटाने के काम को युद्धस्तर पर निपटाना चाहता है ताकि बारिश से यमुनोत्री के बहाव में कोई रुकावट न आए.
सिंचाई विभाग ने शुरू की वैकल्पिक मार्ग बनाने की तैयारी
21 अगस्त को आई आपदा के बाद से यमुनोत्री धारा में भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया था, जिसके कारण पानी का प्राकृतिक बहाव बाधित हो गया. इसे हटाने के लिए उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने वैकल्पिक मार्ग तैयार करना शुरू कर दिया है. विभाग के इंजीनियरों और मजदूरों की टीमें पहाड़ों को काटकर रास्ता बना रही हैं ताकि जेसीबी और पोकलैंड मशीन नीचे उतारी जा सके. इन्हीं मशीनों के जरिए मलबा हटाने का काम किया जाएगा.
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जेसीबी वहां तक पहुंचकर मलबा साफ कर देती है तो पिछले एक माह से बनी झील पूरी तरह खत्म हो जाएगी और यमुनोत्री धारा अपने मूल स्वरूप में लौट आएगी.
चारधाम यात्रा प्रभावित
यमुनोत्री उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण धाम है. हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस साल मानसून में लगातार बारिश और भूस्खलन ने यात्रा मार्ग को काफी प्रभावित किया है. जगह-जगह मलबा और पानी भर जाने से न सिर्फ यात्रियों को परेशानी हुई है बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ा है.
अब प्रशासन और सिंचाई विभाग की कोशिश यही है कि जल्द से जल्द रास्ता साफ हो जाए और यमुनोत्री धाम का प्राकृतिक बहाव पहले जैसा बहाल हो सके. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. राहत की बात यह है कि फिलहाल जल स्तर में कमी आई है, लेकिन आने वाले तीन दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं.