नोएडा/गाजियाबाद,जीएसटी विभाग में तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाने वाली गाजियाबाद सचल दल की राज्य कर अधिकारी खुद भ्रष्टाचार के मामले में घिर गई हैं. आरोपों की पुष्टि होते ही राज्य कर आयुक्त ने महिला अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह मामला हाल ही में तब सुर्खियों में आया था जब उक्त महिला अधिकारी ने नोएडा के एक आईएएस अधिकारी पर महिला कर्मचारियों के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.
भ्रष्टाचार के आरोप और जांच की शुरुआत,आयुक्त राज्य कर कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, गाजियाबाद के सचल दल यूनिट-10 में तैनात उक्त अधिकारी पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप है. दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शशांक सिंघल ने अपर आयुक्त, राज्य कर गाजियाबाद जोन द्वितीय को शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि 12 जुलाई 2025 को रात 9 बजे उनके क्लाइंट की गाड़ी को रोका गया और पैनाल्टी लगाई गई. शिकायत में दावा किया गया कि इस कार्रवाई के एवज में राज्य कर अधिकारी ने साढ़े तीन लाख रुपये की अवैध वसूली की.
शिकायतकर्ता ने इस पूरे प्रकरण से जुड़े फोन कॉल की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत की है. मामले को गंभीर मानते हुए संयुक्त आयुक्त, विशेष अनुसंधान शाखा वाराणसी, मनोज कुमार सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.
गंभीर गड़बड़ी की श्रेणी में मामला
अपर आयुक्त ग्रेड-1, राज्य कर गाजियाबाद जोन द्वितीय ने अपनी रिपोर्ट में माना कि संबंधित अधिकारी का आचरण गंभीर गड़बड़ी की श्रेणी में आता है. इसी आधार पर उनके निलंबन की संस्तुति की गई, जिसे आयुक्त ने मंजूरी दे दी. आदेश के मुताबिक, निलंबन अवधि के दौरान महिला अधिकारी संयुक्त आयुक्त कार्यालय आज़मगढ़, वाराणसी जोन से संबद्ध रहेंगी.
विभागीय चर्चा और सवाल
इस कार्रवाई के बाद जीएसटी विभाग में हलचल तेज हो गई है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों के बीच दबाव बनाने और व्यक्तिगत प्रतिशोध निकालने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. खासकर, महिला अधिकारी द्वारा वरिष्ठ आईएएस पर लगाए गए आरोपों के बाद अचानक भ्रष्टाचार में फंसना कई सवाल खड़े कर रहा है.
फिलहाल विभाग ने साफ किया है कि आरोपों की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और दोष सिद्ध होने पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी.