धर्मनगरी काशी इस समय बाढ़ की चपेट में है. हफ्तों से ही गंगा और वरुणा के बढ़ते जलस्तर की वजह से आम जनजीवन प्रभावित है. बाढ़ की वजह से काशी का आम जनजीवन प्रभावित होने के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र पर भी जबरदस्त प्रभाव पड़ता देखा जा रहा है. काशी में लोग धार्मिक स्थलों पर दर्शन पूजन करने के साथ-साथ घाट पर भ्रमण करने के लिए भी आते हैं, लेकिन इस समय काशी के घाट पूरी तरह जलमग्न है.
50% काशी के पर्यटन पर पड़ा असर
ऑल इंडिया टूरिज्म फेडरेशन के नेशनल कोऑर्डिनेटर डॉ अजय शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत ने बताया कि – प्रयागराज महाकुंभ में भारी संख्या में पर्यटकों का आगमन काशी में हुआ था. लेकिन कुंभ के बाद धार्मिक पर्यटन क्षेत्र में उसी गति से पर्यटन की रफ्तार नहीं देखी गई. पर्यटन क्षेत्र के लोगों के सामने भी एक बड़ी चुनौती थी हालांकि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही थी. लेकिन हफ्तों से वाराणसी में बढ़ते गंगा के जलस्तर के बाद बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है और इसका असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ा है इसे इंकार नहीं किया जा सकता. करीब 50% डॉमेस्टिक टूरिज्म पर इसका असर पड़ा है. हालांकि इस समय में विदेशी पर्यटक पहले भी कम आते हैं लेकिन हमारे देश के पर्यटकों के आने की संख्या में 50% की गिरावट देखी गई है.
प्रकाश पर्व से फिर लौटेगी रफ्तार
डॉ अजय शर्मा ने कहा की – काशी में गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद एक बार फिर पर्यटकों का भारी संख्या में पहुंचना शुरू होगा, यह अनुमान है. विशेष तौर पर प्रकाश पर्व के नजदीक आते ही देश और विदेश से लोगों का आना शुरू हो जाता है. दुर्गा पूजा सहित देव दीपावली और ठंड नजदीक आते ही लोग काशी के घाटों पर व अलग-अलग धार्मिक स्थल पर पहुंचना पसंद करते हैं.