वाराणसी में गंगा ने खतरे के निशान को पार कर लिया है, लेकिन इसके बाद भी गंगा थमने का नाम नहीं ले रही. हाल के रिपोर्ट अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.8 मीटर के ऊपर बताया जा रहा है, औऱ अभी भी वृद्धि जारी है. वहीं जुलाई महीने से वाराणसी के गंगा घाट पर आम जनजीवन प्रभावित है और अब तो गंगा का रुख काशी के सड़कों की तरफ हो चला है.
बाढ़ के चलते इलाकों में पानी भरने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लोगों को जान बचाने के लिए अपने घरों को भी छोड़ना पड़ा और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है.
वाराणसी के इन घाटों पर लोगों के आने पर रोक
वाराणसी में भी गंगा तटवर्ती क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ, जल पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार तटवर्ती क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं. वहीं गंगा घाटों पर वर्तमान समय में लोगों को न आने की सलाह दी जा रही है. काशी में सबसे ज्यादा अस्सी घाट, नमो घाट, दशास्वमेध घाट, तुलसी घाट, शीतला घाट, रविदास घाट पर पर्यटक पहुंचते हैं और यहां खासतौर पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. वाराणसी के गंगा घाट पर थोड़ी सी भी लापरवाही जनहानि में तब्दील हो सकती है. इसको ध्यान में रखते हुए लोगों से इन प्रमुख घाट के साथ-साथ अन्य घाटों पर भी न जाने की अपील की जा रही है. फिलहाल गंगा घाट के सीढ़ियों तक पानी पहुंचने पर ही लोगों को जाने की अनुमति मिल सकती है.
अब काशी के सड़कों पर चल रही नाव
जुलाई महीने में ही वाराणसी के गंगा तटवर्ती क्षेत्र का आम जनजीवन प्रभावित हो चुका था. गंगा आरती को छतों पर संपन्न करने के साथ-साथ शवदाह स्थल को भी परिवर्तन किया गया था. अब वाराणसी में गंगा का रुख शहरी क्षेत्र, सड़कों की तरफ है. वाराणसी के अस्सी क्षेत्र में सड़कों पर नाव चलते भी देखे गए. अब देखना होगा की गंगा का जलस्तर कब तक कम होता है जिससे लोगों को राहत मिल सके.