छत से छलांग, गंगा की आरती और भावुक शब्द, प्रयागराज के अफसर का वीडियो देख हर कोई रह गया हैरान!

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने से बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है. निचले इलाकों में पानी भरने से हजारों घर डूब चुके हैं, और सड़कों पर नावें चल रही हैं. इस संकट के बीच दारागंज के सब-इंस्पेक्टर इंद्रजीत निषाद अपने अनोखे अंदाज के कारण सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं.

उनके दो वीडियो एक में मां गंगा की पूजा और दूसरे में घर की बालकनी से बाढ़ के पानी में छलांग लगाते हुए, रातोंरात वायरल हो गए, जिन्हें हजारों लोग देख और पसंद कर रहे हैं.

शनिवार को इंद्रजीत निषाद का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वे अपने जलमग्न घर की दूसरी मंजिल की बालकनी से गंगा नदी के पानी में छलांग लगाते नजर आए. यह वीडियो देखते ही देखते हजारों लोगों तक पहुंच गया. इससे पहले शुक्रवार को उनका एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें वे बाढ़ के पानी से घिरे अपने घर में मां गंगा की पूजा करते दिखे.

फूल और धूप लेकर पूरी श्रद्धा से आरती करते हुए उन्होंने कहा कि जय गंगा मैया, मैं धन्य हो गया कि आप मेरे दरवाजे पर आशीर्वाद देने आईं. इस भावनात्मक वीडियो ने लोगों का दिल जीत लिया.

बता दें कि इंद्रजीत निषाद का घर दारागंज के मोरी गेट मुहल्ले में स्थित है, जहां गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से पूरा इलाका जलमग्न हो गया है. उनके घर का नामपट निषाद राज भवन, मोरी, दारागंज, प्रयागराज और उनकी आधिकारिक उपाधि सब-इंस्पेक्टर, उत्तर प्रदेश पुलिस वीडियो में साफ दिखाई देता है.

साहस या लापरवाही

इंद्रजीत निषाद के छलांग वाले वीडियो ने जहां कुछ लोगों को उनकी बेफिक्री और साहस का कायल बना दिया, वहीं कुछ ने इसे खतरनाक करतब करार दिया. एक यूजर ने लिखा कि यह आस्था और साहस का अनोखा संगम है. जबकि दूसरे ने चिंता जताते हुए कहा कि बाढ़ के पानी में इस तरह कूदना जोखिम भरा है, यह मजबूरी नहीं तो और क्या है?

उधर इंद्रजीत ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि मां गंगा की गोद में आज, जय गंगा मैया!. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि वे पूर्व राष्ट्रीय तैराक हैं, इसलिए लोग इसे न दोहराएं.

प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति

प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर 86 मीटर के करीब पहुंच गया है, जो खतरे के निशान (84.73 मीटर) से काफी ऊपर है. पिछले 24 घंटों में गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 54 सेमी और छतनाग में 56 सेमी, जबकि यमुना का नैन में 50 सेमी बढ़ा है. इससे दारागंज, राजापुर, सलोरी, बाघड़ा, गंगानगर, और शिवकुटी जैसे निचले इलाकों में पानी घुस गया है. दशाश्वमेध घाट और दारागंज श्मशान घाट पूरी तरह डूब चुके हैं, जिसके चलते अंतिम संस्कार सड़कों पर हो रहे हैं.

जिला प्रशासन ने 14 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां 1,400 लोग शरण ले चुके हैं, और करीब 4,000 लोग अन्य सुरक्षित स्थानों पर हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और पीएसी की टीमें नावों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं. जिला मजिस्ट्रेट मनीष वर्मा ने रातभर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया.