साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले को लेकर राजनेताओं समेत कई लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी बीच अब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
मालेगांव विस्फोट मामले में कोर्ट के फैसले पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा देखिए कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए और जो व्यक्ति दोषी नहीं होता है उसको कई-कई साल जेल में रहना पड़ता है. आज कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बरी किया है लेकिन साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जो यातनाएं दी गईं और जो समय उन्होंने जेल में बिताया उस समय को लौटाकर के कौन दे सकता है. ये एक बड़ा सवाल है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा भारतीय न्याय प्रक्रिया और भारत की एजेंसियों को अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए और ये आत्म अवलोकन करना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति दोषी नहीं है तो उस पर जब आरोप लगाया जाता है. आरोप सिद्ध होने से पहले उन्हें जब चार-चार और 5-4 साल जेल के अंदर सड़ना पड़ता है उन्हें यातनाएं दी जाती हैं ये बहुत दुखद है.
वहीं कन्नौज कन्नौज के पीठाधीश्वर अतुलेशानंद महाराज ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी किए जाने पर कहा कि तुलसीदास जी महाराज की जयंती पर आने वाले फैसले ने सनातन धर्म के गौरव को मजबूत किया है. इसके साथ ही सीताराम दास महाराज ने कहा, “17 साल बाद मालेगांव मामले में आया फैसला सराहनीय है, तत्कालीन सरकार इसमें शामिल थी.” महामंडलेश्वर वृंदावन दास महाराज ने कहा, “हम अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करते हैं.”
मालेगांव विस्फोट में 6 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि मुंबई की एक विशेष अदालत ने सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है. न्यायाधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि मामले को संदेह से परे साबित करने के लिए कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं है. इस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य घायल हुए थे.