एनआईए की विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. अब कोर्ट के फैसले पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी बीच अब तुलसीपीठ के शंकराचार्य और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भी मालेगांव विस्फोट मामले में आए कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा है.
मालेगांव विस्फोट मामले में कोर्ट के फैसले पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि आज मुझे बहुत प्रसन्नता हुई और मैंने तो उसी समय सुन लिया था जब कोर्ट ने निर्णय दिया. इससे कांग्रेस का काला चिट्ठा जनता के सामने आ गया है और ये लोग वास्तव में कोई सबूत नहीं दिखा पाए.
हिंदू कभी आतंकवादी नहीं रहा- जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य
वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भगवाधारियों को सताने के लिए कांग्रेस ने यह सब करवाया था. मैं तो यही कहूंगा कि हमारी विजय हुई और इन सातों लोगों को तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर मानहानि का दावा करना चाहिए. निश्चित वैधानिक कार्रवाई करनी चाहिए, उन्होंने कहा इन्हें इसका दंड भुगतना पड़ेगा. हिंदू कभी आतंकवादी रहा ही नहीं इतिहास उठा कर देख लें.
कांग्रेस को जवाब देना चाहिए- स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
इससे पहले अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जहां धर्म है, वहां विजय अवश्य होती है. जहां तक मालेगांव बम विस्फोट मामले की बात है, तो यह एक बहुत ही जटिल मामला था. एक तरह से यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी-राहुल गांधी के नेतृत्व में हिंदू आतंकवादी परिभाषा गढ़ने का प्रयास ही नहीं किया, बल्कि प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोगों को बम ब्लास्ट का अभियुक्त बनाकर 9 सालों तक जेल में रखा गया. इसकी जवाबदेही होनी चाहिए, कांग्रेस को जवाब देना चाहिए.