गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन जैन को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. उसका लंदन कनेक्शन से लेकर विवादित धर्मगुरु रहे चंद्रास्वामी तक तार जुड़ते दिखाई दे रही है. जांच एजेंसियां उसकी पूरी कुंडली निकालने में जुट गई हैं.
सूत्रों के मुताबिक हर्षवर्धन ने लंदन के कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस से एमबीए किया है जबकि एक और एमबीए गाजियाबाद के आईटीएस कॉलेज से भी किया है. उसकी शुरुआती पढ़ाई और निजी जीवन की पृष्ठभूमि को लेकर अब जांच एजेंसियां गहराई से छानबीन कर रही हैं.
जानकारी के अनुसार हर्षवर्धन का परिवार पहले से ही आर्थिक रूप से मजबूत था उसके पिता मार्बल माइंस के बड़े कारोबारी थे. लेकिन, अचानक हुई पिता की मौत के बाद न सिर्फ कारोबार चरमरा गया बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई.
चंद्रास्वामी के सहयोग फैलाया जाल
इसी दौर में हर्षवर्धन की मुलाकात विवादित धार्मिक गुरु चंद्रास्वामी से हुई. यही मोड़ उसकी जिंदगी की दिशा बदलने वाला साबित हुआ. दावा है कि चंद्रास्वामी ने ही हर्षवर्धन को लंदन भेजा जहां उसने फर्जी कंपनियों का जाल खड़ा कर लिया. इन कंपनियों के माध्यम से वह चंद्रास्वामी के कथित काले धन को ठिकाने लगाने का काम करने लगा.
चंद्रास्वामी की मौत के बाद हर्षवर्धन का पूरा नेटवर्क बिखर गया. आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुके हर्षवर्धन ने लंदन छोड़ गाजियाबाद में वापसी की. अब उसकी गतिविधियों को लेकर कई एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और उसके पिछले संपर्कों विदेश यात्राओं और लेनदेन की जांच तेज कर दी गई है.
चंद्रास्वामी का विवादों से गहरा नाता
फिलहाल एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि हर्षवर्धन जैन अब किन लोगों के संपर्क में है और क्या उसके पास चंद्रास्वामी से जुड़े कुछ पुराने राज भी हैं? बता दें कि विवादित धर्म गुरू चंद्रास्वामी का विवादों से गहरा नाता रहा है. नरसिम्हा सरकार में कई घोटालों से उसका कनेक्शन मिला था, जिसके बाद उसे जेल भी जाना पड़ा.