नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 370 हो या स्टेटहुड हो, बेसिक चीज ये है कि दिल्ली और कश्मीर की दूरी कभी कम नहीं हुई. जब से हम भारत का हिस्सा बने तब से ये दूरियां बढ़ती ही गईं, कम नहीं हुईं. मुसलमान पर भरोसा नहीं है, सही बात तो ये है. वो भरोसा कब आएगा, ऊपरवाला जानता है. कब आप हमें इंसान समझेंगे? कब समझेंगे कि हम भारतीय हैं? जब हम टीका करेंगे तब? दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बुधवार (23 जुलाई) को वो अपनी बात रख रहे थे.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा;
- मैं मुसलमान हूं, मुसलमान रहूंगा और मुसलमान मरूंगा
- मगर मैं भारतीय मुसलमान हूं
- पाकिस्तानी या चीनी मुसलमान नहीं हूं
- कब आप हिंदुस्तान के मुसलमान पर भरोसा करेंगे
- ये सारी लड़ाई इसी पर है
ये मेरा भारत नहीं है- फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने आगे कहा, “ये मेरा भारत नहीं है और मैं इसे अपना भारत स्वीकार नहीं करूंगा. मैं ऐसा भारत चाहता हूं जहां सभी लोग एक दूसरे से प्रेम करें, चाहे आप क्या हैं, आप किस धर्म से आते हैं, कौन सी भाषा बोलते हैं या आप भारत के किस इलाके से आते हैं.”
जो सत्ता में हैं, वो चाहते हैं कि हम उनके सामने झुकें- फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग सत्ता में हैं, वो चाहते हैं कि हम उनके सामने झुकें. हम यहां झुकने के लिए नहीं हैं, हम यहां भीख मांगने के लिए नहीं हैं. आपने जो किया वो अवैध है, हमारे राज्य के दर्जे को फिर से बहाल करें. आपको किसने अधिकार दिया? क्या आपने हमसे पूछा?”
‘इंदिरा गांधी का आपातकाल 18 महीने चला, ये 11 सालों से चल रहा है’
अपने एक और बयान में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वो इंदिरा गांधी के आपातकाल की बात करते हैं, वह केवल 18 महीने तक चला था. यह (आपातकाल) 11 सालों से चल रहा है. मुझे उम्मीद है कि यह ख़त्म होगा. मुझे उम्मीद है कि संसद में लोग भारतीय लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे। मैं बस यही चाहता हूं.