‘प्रशासन को भी शांत रहना चाहिए’, कांवड़ियों के चालान काटने पर राकेश टिकैत ने दिया बयान

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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासनिक कार्रवाई पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार धार्मिक आयोजनों को बढ़ावा देने की बात करती है. दूसरी ओर कांवड़ यात्रियों पर चालान काटे जा रहे हैं, जिससे आम जनता में डर का माहौल बन रहा है, प्रशासन को भी शांत रहना चाहिए.

कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वो नहीं मिल रही हैं. पुलिस-प्रशासन चालान काटने में लगा हुआ है. हरिद्वार से शामली तक लाइन लगी हुई है चालान की. सोचिए, एक कांवड़ियां कितनी मेहनत करके आता है, कितना खर्च करता है, अपनी मोटरसाइकिल से आता है फिर भी चालान काटा जा रहा है.

प्रशासन लगातार काट रहा है चालान
हमने कहा कि यह यात्रा शांति से चल रही है, तो प्रशासन को भी शांत रहना चाहिए. मुख्यमंत्री पुष्पवर्षा कर रहे हैं, और प्रशासन चालान पर चालान काट रहा है. ये दोनों बातें एक साथ कैसे चल सकती हैं? अगर सरकार चाहती है कि ये यात्रा शांतिपूर्वक निकले, तो अधिकारियों को भी वही करना चाहिए. क्यों वे जबरदस्ती अपने ऊपर विवाद मोल ले रहे हैं?

कुछ बड़े चैनल दिखाते नहीं हैं कि बाहर डीजे बंद हैं. पिछली बार डीजे पर कंपटीशन हुआ, आपस में झगड़े हुए, गोली चली ये सब नहीं होना चाहिए. यात्रा शांति से होनी चाहिए.

भारी कांवड़ को लेकर बोले राकेश टिकैत
दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा है भारी वजन वाली कांवड़ इनका कोई मापदंड नहीं है  कोई 50 किलो लेकर चल रहा है, कोई 80, कोई 131 किलो तक. एक कांवड़ हमें मिली जो 131 किलो की थी. उसमें कलश, लाठी, संरचना सब जोड़कर वजन 150 किलो तक पहुंच गया.

अब सोचिए, कोई व्यक्ति 150 किलो लेकर चलेगा तो कैसे चलेगा? फिर महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहता है. यह कोई वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता नहीं है.इस पर एक नियम बनना चाहिए कि कोई भी अपने शरीर के वजन का अधिकतम 10-15% ही वजन ले जा सकता है. नहीं तो बच्चों की सेहत पर भारी असर पड़ेगा.

सुरक्षा और स्वास्थ्य भी जरूरी
कई युवा दो गुना वजन लेकर चल रहे हैं ये चिंता का विषय है. हर कोई अपनी श्रद्धा और भावना से कांवड़ लेकर आता है. किसी ने हमारे नाम से, किसी ने अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम से कांवड़ लाई थी. हर व्यक्ति की अपनी आस्था है, मन्नतें हैं, लेकिन ये भी ध्यान रखना चाहिए कि सुरक्षा और स्वास्थ्य भी जरूरी है.