उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण मामले में वांछित रशीद शाह को बलरामपुर से गुरुवार को गिरफ्तार किया है. रशीद पर आईपीसी की धारा 121ए, 417, 420, 153ए व उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 की धारा 3, 5 (1), 5(2), 5(3), 8(1) में एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज है. गिरफ्तारी के बाद रशीद को कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक रशीद तीन साल पहले आजमगढ़ से भी अवैध धर्मांतरण के आरोप में पकड़ा गया था. कुछ महीने पहले ही वह जमानत पर छूटा था और एक बार फिर छांगुर बाबा के नेटवर्क में सक्रिय हो गया था.
सिंडिकेट को फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई!
सूत्रों की माने तो रशीद ने बलरामपुर समेत कई जिलों में सिंडिकेट को फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई है. अब उसकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस को उससे विदेशी फंडिंग, राजनीतिक संरक्षण और संपत्तियों की डीलिंग से जुड़ी अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है. अब एटीएस रशीद की कस्टडी रिमांड की तैयारी में है ताकि धर्मांतरण रैकेट की जड़ तक पहुंचा जा सके.
2024 नवंबर में दर्ज fir में नौ नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी . इसमें चार नामजद जिसमें छांगुर, उसका बेटा महबूब, छांगुर की कारखास नीतू उर्फ नसरीन, उसका पति जमालुद्दीन उर्फ नवीन को पुलिस ने पहले गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है जिसको एटीएस ने किया है. वहीं इसी मामले में नामजद छांगुर के भतीजे सबरोज को भी एसटीएफ ने हिरासत में लेकर पूछताछ की है.
जानकारी के मुताबिक रशीद बलरामपुर के उतरौला स्थित मधपुर गांव का रहने वाला . ATS को किस बात की जानकारी है कि रशीद गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को धर्म बदलवाने के लिए नेटवर्क में लाता था इसमें उसे हर व्यक्ति के बदले ₹10,000 की रकम मिलती थी.