अभिषेक राय
(www.arya-tv.com)
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर लखनऊ महानगर में सभी 25 मंडलों में संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में डॉ. मुखर्जी के देश के लिए बलिदान और योगदान को याद करके उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा हुई। जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्पांजलि अर्पित करके नमन किया।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक नोएडा पंकज सिंह ने पूर्व मंडल 3 में सेलिब्रेशन लॉन में आयोजित संगोष्ठी में कहा कि भारतीय जनता पार्टी 1980 में बनी लेकिन उसकी यात्रा 1951 में जनसंघ की स्थापना के साथ ही आरंभ हुई थी जब डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अन्य दो सदस्यों के साथ जनसंघ की स्थापना करी। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता और संप्रभुता के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
डॉ. मुखर्जी का नारा था – “एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो संविधान नहीं चलेंगे।” यह विचार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की प्रेरणा बना।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने और वहां जाने के लिए परमिट व्यवस्था का डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने विरोध किया।
देश की एकता और अखंडता के लिए वर्षों से से चले आ रहे संघर्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धारा 370 हटाने का कार्य हुआ और जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न बना। मोदी जी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने का कार्य किया। संगोष्ठी में महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने भी विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि डॉक्टर मुखर्जी ने नेहरू सरकार की तुष्टिकरण की नीति का डटकर विरोध किया था आज प्रधानमंत्री मोदी जी ने उनके सपनों को साकार किया।
वरिष्ठ भाजपा नेता नीरज सिंह ने पूर्व मंडल 1 में महामना मालवीय विद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में कहा कि डॉ मुखर्जी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करने के लिए लगा दिया। डॉ. मुखर्जी का बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया।उनके विचार आज भी देश को नई दिशा दे रहे हैं।