हापुड़ में रविवार देर रात हुई मॉनसून की पहली मूसलाधार बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया. गढ़ रोड स्थित सरकारी अस्पताल और गढ़ गेट पुलिस चौकी सहित कई इलाकों में जलभराव से मुश्किलें खड़ी हो गयीं. अस्पताल के प्रवेश द्वार से लेकर इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी तक एक फीट पानी जमा हो गया, जिससे मरीजों और तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर मरीजों को लाने-ले जाने में कर्मचारियों को मुश्किलें झेलनी पड़ीं.
हापुड़ के सरकारी अस्पताल में बारिश का पानी परिसर में घुसने से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हुईं. मरीजों को कीचड़ और पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है, संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. एक तीमारदार प्रहलाद ने बताया कि अस्पताल में हर जगह पानी और कीचड़ है. नगरपालिका ने नालों की सफाई नहीं कराई, जिसके कारण यह हाल हुआ. गंदगी से मक्खी-मच्छर बढ़ रहे हैं, जिससे बीमारियां फैलने का डर है.
पुलिस चौकी भी पानी से भरी
गढ़ गेट पुलिस चौकी के बाहर भी एक से दो फीट पानी जमा है, जिसने आम लोगों और पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ा दीं. शहर की सड़कों पर जलभराव ने यातायात को भी प्रभावित किया. यह स्थिति हापुड़ नगरपालिका की लापरवाही और बारिश से पहले नालों की सफाई करने के दावों की पोल खोलती है.
नगरपालिका पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने नगरपालिका की तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं. मॉनसून से पहले नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था न होने से शहर में हर साल जलभराव की समस्या गंभीर हो जाती है. प्रशासन की उदासीनता के कारण मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है. लोगों का कहना है कि अभी मानसून की शुरुआत है आगे अगर कई दिन मूसलाधार बारिश होगी तो क्या हाल होगा. हर साल शहर की यही स्थिति बन जाती है, लेकिन नगर पालिका कोई ठोस उपाय नहीं कर रही.