केंद्र में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बड़ा तोहफा दिया है. यह तोहफा राज्य स्थित आगरा (Agra News) जिले को मिला है. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, आगरा में 111 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र स्थापित किया जाएगा. यह आलू केंद्र 10 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा.
आलू केंद्र के संदर्भ में वैष्णव की ओर से एक प्रजेंटेशन के जरिए जानकारी दी गई. प्रजेंटेशन में कहा गया – भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है. उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है. अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र का क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थापित किया जाएगा. क्षेत्रीय केंद्र में अनुसंधान बीज उत्पादन, कीट प्रबंधन, टिकाऊ उत्पादन और किसानों को प्रशिक्षण देने पर केंद्रित होगा.
आपातकाल पर प्रस्ताव पास
वैष्णव ने बताया कि इससे किसानों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और उपज में सुधार करने में मदद मिलेगी. यूपी सरकार ने 10 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क हस्तांतरित की है. भारत सरकार 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, यूपी सरकार और अन्य अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ समन्वय करेगी.
सीएम ने कहा- थैंक्स
केंद्र के इस तोहफे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को दी गई स्वीकृति अभिनंदनीय है. देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस केंद्र की स्थापना, खेती को तकनीक से, अन्न को अनुसंधान से और किसान को नवाचार से जोड़ने वाली सिद्ध होगी. यह निर्णय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ-साथ कृषि आधारित रोजगार व कृषक-समृद्धि को भी नई दिशा देगा. कृषक कल्याण को समर्पित इस निर्णय हेतु उत्तर प्रदेश के सभी किसान साथियों की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार!
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर पारित प्रस्ताव पढ़ा. उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को याद करने और सम्मानित करने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल और भारतीय संविधान की भावना को नष्ट करने के उसके प्रयास का बहादुरी से विरोध किया था. केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज की बैठक में उन लोगों को श्रद्धांजलि के रूप में दो मिनट का मौन रखा गया, जिनके संवैधानिक रूप से गारंटीकृत लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए थे और जिन्हें फिर अकल्पनीय भयावहता का सामना करना पड़ा था.