भारत को परमाणु बम की गीदड़भभकी देने वाला और आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है. भारत सरकार की ओर से सिंधु जल समझौता को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान का हलक सूखने लगा है. ऐसे में जब पाकिस्तान को पीने का पानी नहीं मिल रहा तो वह भारत के सामने गिड़गिड़ाने को मजबूर हो गया और भारत सरकार से पानी छोड़ने की गुहार लगाने लगा.
हालांकि, मोदी सरकार ने इसे लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन से कहा, “सिंधु जल संधि तब तक निलंबित रहेगी, जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और स्थायी रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता.’’
पहलगाम आतंकी हमले के बाद स्थगित की गई सिंधु जल संधि
वहीं, कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन को मंगलवार (13 मई) को सौंपी अपनी मासिक रिपोर्ट में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने कहा, “सरकार ने घोषणा की है कि पहलगाम में नागरिकों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले के बाद संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है.”
मुखर्जी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और स्थायी रूप से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन करना नहीं छोड़ देता, तब तक प्रमुख जल-बंटवारा संधि निलंबित रहेगी.’’
वर्ष 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि (IWT) भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण और उपयोग से संबंधित है.
पाकिस्तान पानी के लिए मार रहा हाथ-पैर, भारत अपने फैसले पर अडिग
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने नई दिल्ली की ओर से उठाई गई विशिष्ट आपत्तियों पर चर्चा करने के लिए अपनी सरकार की तत्परता व्यक्त की थी. हालांकि, भारत सरकार संधि को स्थगित रखने के अपने फैसले पर दृढ़ है.