राफेल उड़ाने वाला पहला कश्मीरी मुसलमान पायलट, जिसकी हर जगह हो रही चर्चा, क्या ऑपरेशन सिंदूर में था शामिल?

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ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण भागीदारी थी, जिन्होंने Pok में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और टीआरएफ जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख ट्रेनिंग और लॉन्चिंग पैड को तबाह कर दिया. इस बीच एक कश्मीरी शख्स की काफी चर्चा हो रही है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि पायलट ने राफेल उड़ाया था और आतंकियों के ठिकाने में नेस्तानाबूद कर दिए. उस बहादुर राफेल पायलट का नाम विंग कमांडर हिलाल अहमद है. वे राफेल उड़ाने वाले पहले कश्मीरी मुसलमान पायलट हैं और दावा है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लिया था.

हिलाल अहमद, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले से हैं. वे 1988 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और मिग-21 व मिराज 2000 जैसे विमानों पर 3000+ दुर्घटना-मुक्त उड़ान घंटे का अनुभव रखते हैं. उन्हें वायुसेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक भी मिल चुका है. हालांकि, इस ऑपरेशन में उनकी भागीदारी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उनकी प्रोफाइल और अनुभव को देखते हुए यह अटकलें स्वाभाविक हैं.

ऑल पार्टी मीटिंग और राजनीतिक प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए थे. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक के बाद प्रेस को संबोधित किया और कहा कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए. हम UK और US के साथ जो व्यापारिक समझौते कर रहे हैं, उसमें पाकिस्तान प्रायोजित संगठनों पर प्रतिबंध की शर्त होनी चाहिए. उन्होंने साथ ही कश्मीर घाटी में नागरिक क्षति पर मुआवज़ा देने, पुंछ में विस्थापित परिवारों की मदद करने और सुरक्षा खर्चों को बढ़ाने की मांग भी की.

भारत ने  ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ बड़े आतंकवादी ठिकानों पर सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक किया. ये हमला 7 मई की आधी रात को किया गया, जहां सेना ने 24 ताबड़तोड़ हमले किए थे. ये दिन भारतीय सैन्य इतिहास का एक और गौरवशाली दिन बन गया.

24 ताबड़तोड़ हमले ने मचाई तबाही
भारत ने  ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ बड़े आतंकवादी ठिकानों पर सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक किया. ये हमला 7 मई की आधी रात को किया गया, जहां सेना ने 24 ताबड़तोड़ हमले किए थे. ये दिन भारतीय सैन्य इतिहास का एक और गौरवशाली दिन बन गया.