पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को लेकर भारत का कड़ा रुख देखने को मिला है. पाकिस्तान इस बात को अच्छे से जानता है कि उसकी कायराना हरकत के लिए भारत उसे मुंहतोड़ जवाब जरूर देगा. यही वजह है कि बीती देर रात 1 बजे पाकिस्तान की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में सुरक्षा परिषद के राजनीतिक और शांतिस्थापना मामलों के विभाग में मध्य पूर्व, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के महासचिव खालिद मोहम्मद खियरी ने सदस्यों को इस मामले से अवगत कराया था. इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि इससे कोई परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं है.
UNSC के दखल के बाद यह जानना जरूरी है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग होती है तो क्या UNSC हस्तक्षेप करे तो देशों को यह जंग रोकना जरूरी होता है, या फिर उसकी अनदेखी करके लड़ते रहना होता है.
विश्व का सिपाही है UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख छः अंगों में से एक अंग है. इसकी जिम्मेदारी है कि दुनिया में शान्ति और सुरक्षा बनाए रखना. परिषद को अनिवार्य निर्णय लेने और उनकी घोषणा करने का अधिकार भी प्राप्त है. ऐसे निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है. UNSC को विश्व का सिपाही भी कहते है क्योंकि वैश्विक शान्ति और सुरक्षा का उत्तरदायित्व यही संभालता है. सुरक्षा परिषद में स्थाई रूप से पांच सदस्य देश फ्रांस, चीन, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका शामिल हैं. बाकी के दस सदस्य देश क्षेत्रीय आधार पर दो साल की अवधि के लिए अस्थाई रूप से चुने जाते हैं.
क्या UNSC के कहने पर जंग रोकना जरूरी है
किसी दो या दो से अधिक देशों के बीच जब विवाद जुबानी न होकर हथियार और ताकत के दम पर लड़ा जाने लगता है, तब UNSC की यह जिम्मेदारी होती है कि वह दुनियाभर में शांति और सुरक्षा बनाने का प्रयास करे. वह युद्ध कर रहे देशों के बीच मध्यस्थता, बातचीत और जांच के जरिए शांतिपूर्णं समाधान खोजने का काम करे. जब शांति भंग होने लगती है तब सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र शांति बल जैसे स्थापना अभियानों को भेज सकती है. UNSC के कहने पर देशों को युद्ध विराम देना जरूरी होता है, नहीं तो कुछ मामलों में UNSC के पास सैन्य कार्रवाई का भी अधिकार होता है. लेकिन यह सिर्फ तभी होता है, जब सभी शांतिपूर्णं समाधान असफल हो जाते हैं.
सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाता है UNSC
सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का पालन करता है और यह सुनिश्चिचत करता है कि बाकी के सदस्य देश भी इसका पालने करें. यह अंतरराष्ट्रीय विकास के कानून में भी योगदान देने का काम करता है, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना करना आदि. इसका काम विवादों का शांतिपूर्णं समाधान खोजना और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना होता है.