राजधानी देहरादून में शनिवार देर रात प्रशासन ने एक दशक पुरानी मजार को ध्वस्त कर दिया. यह कार्रवाई दून मेडिकल कॉलेज (दून अस्पताल) के सामने स्थित सरकारी जमीन पर की गई. प्रशासन का कहना है कि यह मजार अवैध रूप से सरकारी भूमि पर बनाई गई थी, जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई थी.
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई नगर निगम, लोक निर्माण विभाग (PWD), दून अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई. देर रात मौके पर बुलडोजर पहुंचाया गया और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में धार्मिक ढांचे को तोड़ दिया गया.
ध्वस्त किया गया मजार वक्फ बोर्ड में दर्ज- शादाब शम्स
सूत्रों का कहना है कि जिस मजार को तोड़ा गया वह वक्फ बोर्ड में दर्ज है. इस संबंध में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भी पुष्टि की है कि मजार वक्फ बोर्ड में दर्ज है. प्रशासन का कहना है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद भूमि से जुड़े सभी दस्तावेजों और स्वामित्व की जांच की गई. जांच में यह भूमि सरकारी पाई गई, जिसके बाद मजार को हटाने का निर्णय लिया गया.
बता दें कि उत्तराखंड में अब तक 600 से अधिक अवैध धार्मिक ढांचों को हटाया जा चुका है. यह कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की जा रही है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों और सरकारी जमीन पर बने अवैध धार्मिक ढांचों को चिन्हित कर हटाया जा रहा है.
कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई कार्रवाई- प्रशासन
देर रात हुई इस कार्रवाई के दौरान कोई विरोध की घटना सामने नहीं आई, लेकिन स्थानीय स्तर पर चर्चा गर्म है. कुछ लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई को सही ठहराया, वहीं कुछ ने इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताया. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है.