जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर हंगामा, लहराया कोट, फाड़े कागज

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अभिषेक राय 

(www.arya-tv.com) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को वक्फ कानून को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्थगन प्रस्ताव पर जमकर बवाल हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस वक्फ बिल पर चर्चा करने की मांग कर रही है। नेकां नेता तनवीर सादिक वक्फ कानून के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की।
स्पीकर ने कहा मामला न्यायालय में विचाराधीन इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती। भाजपा ने पहले सवाल-जवाब करवाने की मांग की थी, नेकां विधायकों ने “वक्फ बिल ना मंजूर, इसे वापस करो” आदि के नारे लगाए। नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायकों के हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही नेकां के सहयोगी दल के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। नेशनल कॉन्फ्रेंस और उनके सहयोगी दल के विधायक वक्फ कानून पर बहस करने की मांग पर अड़े रहे। भाजपा के विधायक भी सदन में प्रश्न आवर की कॉपियां लेकर खड़े हो गए। सदन में दोनों पक्षों के विधायकों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान सदन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अब्दुल मजीद लार्मी ने अपना काला कोट भी फाड़ लिया। सदन में हवा में उन्होंने काला कोट लहराया। साथ ही दूसरे विधायकों ने कागज भी फाड़ दिए। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। उन्होंने सदन में कार्यवाही को शांतिपूर्वक चलाने की अपील की।
वक्फ संशोधन अधिनियम पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मचे बवाल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक नजीर अहमद गुरेजी ने कहा कि “हमें नहीं लगता कि यह कानून मुसलमानों के हित में बनाया गया है, बल्कि सिर्फ वोट पाने के लिए बनाया गया है। जब तक इस मामले पर चर्चा की इजाजत नहीं दी जाती, हम सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।”

‘काले कपड़े के साथ हम अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं’
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मचे बवाल पर कांग्रेस विधायक इरफान हफीज लोन ने कहा, “हम देश को बताना चाहते हैं कि हम इस अधिनियम के खिलाफ हैं। यह धर्मनिरपेक्षता और संघवाद पर हमला है। इस तरह (काले कपड़े के साथ) हम अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। हम अपना विरोध जताना जारी रखेंगे।”
वक्फ संशोधन अधिनियम पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मचे बवाल पर माकपा विधायक एम.वाई. तारिगामी ने कहा कि “हमारे विचार से यह (वक्फ संशोधन अधिनियम) देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है। 200 से अधिक सांसदों ने इस विधेयक के खिलाफ मतदान किया और कहा कि हर समुदाय को अपनी संपत्ति का प्रबंधन करने का अधिकार है… यह विषय हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें इस पर चर्चा करनी चाहिए।”

‘हम जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा नहीं होने देंगे’
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मचे बवाल पर भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने कहा, “संसद ने इस विधेयक को पारित कर दिया है और राष्ट्रपति ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। मैं स्पीकर को यह कहने के लिए धन्यवाद देता हूं कि यह विधेयक अब अधिनियम बन गया है। हमारा रुख स्पष्ट है कि हम जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा नहीं होने देंगे।”

वक्फ संशोधन अधिनियम पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा
भाजपा विधायक शगुन परिहार ने कहा कि “यह विधेयक (संसद में) पारित हो चुका है, और चूंकि यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा से संबंधित मुद्दा नहीं है, इसलिए इस पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तो, वे (नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस विधायक) काले झंडे क्यों दिखा रहे हैं, वॉकआउट कर रहे हैं और कागज क्यों फाड़ रहे हैं?…हम यहां जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, पर्यटन को बढ़ावा देने, उद्योग लाने, नए होटल खोलने और यहां रोजगार पैदा करने के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का गैर-गंभीर रवैया देखें, जो इन मुद्दों पर बोलना नहीं चाहते हैं। पहले भी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को गुमराह किया था, और वे आज भी वही कर रहे हैं…सीएम उमर अब्दुल्ला ने कभी वक्फ के लिए दान नहीं दिया होगा। तो उनके विधायक हंगामा क्यों कर रहे हैं?”
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामे पर जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के विधायक सज्जाद लोन ने कहा कि “चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए। मेरी जानकारी के अनुसार, मामला अभी विचाराधीन नहीं है, क्योंकि अभी तक सुप्रीम कोर्ट में कोई याचिका स्वीकार नहीं की गई है। तो, चर्चा की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए?…”