लोग क्‍यों रिन्‍यू नहीं करा रहे हेल्‍थ इंश्‍योरेंस? सामने आ गई बीमा कंपनियों की सच्‍चाई, हर ग्राहक को जानना जरूरी

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 हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में सबकुछ अच्‍छा नहीं चल रहा है. पहले उपभोक्‍ताओं को लेकर बुरी खबर आई थी और अब कंपनियों को लेकर अच्‍छी जानकारी नहीं है. स्‍वास्‍थ्‍य बीमा सेक्‍टर को लेकर हाल में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्‍या में उपभोक्‍ताओं ने अपने हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को रिन्‍यू नहीं कराया है. इसकी वजह से बीमा कंपनियों का प्रीमियम कलेक्‍शन काफी नीचे गिर गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्‍तवर्ष में हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनियों का प्रीमियम कलेक्‍शन 10 फीसदी गिर गया है. इसका मतलब है कि 10 में से 1 ग्राहक ने अपना इंश्‍योरेंस रिन्‍यू नहीं कराया है. पॉलिसीबाजार की ओर से कराए सर्वे में बताया गया है कि स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कंपनियों का प्रीमियम कलेक्‍शन चालू वित्‍तवर्ष में 10 फीसदी कम हो गया है, लेकिन इसी दौरान प्रीमियम की लागत में 20% ki काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है

.क्‍यों रिन्‍यू नहीं करा रहे ग्राहक
पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट में बताया गया है कि हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की कॉस्‍ट में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से 10 फीसदी से ज्‍यादा ग्राहक अपना इंश्‍योरेंस रिन्‍यू नहीं कराना चाहते हैं. आम तौर पर बीमा कंपनियां हर 3 साल में अपनी महंगाई को एडजेस्‍ट करती हैं. इसमें इलाज का खर्चा और उपभोक्‍ता की उम्र के हिसाब से बढ़ोतरी की जाती है.10 साल में कितना बढ़ा प्रीमियम
बीते 10 साल में हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी की दर 5 से 10 फीसदी सालाना रही है. यह बढ़ोतरी 52 फीसदी पॉलिसी होल्‍डर्स के लिए हुई है. इस लिहाज से देखा जाए तो बीते 10 साल में आधे से ज्‍यादा लोगों के लिए 100 रुपये का हेल्‍थ प्रीमियम बढ़कर 162 से 259 रुपये पहुंच जाएगा. इसके अलावा 38 फीसदी उपभोक्‍ताओं के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस का प्रीमियम 10 से 15 फीसदी सालाना बढ़ा है. इसका मतलब है कि 100 रुपये का प्रीमियम एक दशक में बढ़कर 259 से 404 रुपये के बीच पहुंच गया है. इसके अलावा 3 फीसदी पॉलिसी होल्‍डर्स ऐसे हैं, जिनके प्रीमियम में सालाना 15 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

लागत के मुकाबले कम बढ़ा प्रीमियम
पॉलिसीबाजार के जनरल इंश्‍योरेंस विभाग के चीफ बिजनेस ऑफिसर अमित छाबड़ा का कहना है कि चिकित्‍सा क्षेत्र की महंगाई दर इस दौरान 14 फीसदी है, जबकि हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में प्रीमियम की बढ़ोतरी इसके मुकाबले कम ही रही है. 90 फीसदी पॉलिसी रिन्‍यूवल पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी प्रीमियम बढ़ोतरी पर हुआ है.