- केंद्रीय टीम ने परखा एमडीए अभियान की हकीकत
- निगरानी तंत्र को और मजबूत करने व इनकार करने वाले व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने की दी हिदायत
प्रदेश में चल रहे फाइलेरियारोधी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान की प्रगति जांचने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय टीम ने लखनऊ और बाराबंकी के कई गांव में भ्रमण किया। निरीक्षण के दौरान टीम को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की गतिविधियां संतोषजनक मिलीं। टीम ने निगरानी तंत्र को और मजबूत करने की हिदायत दी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी-फाइलेरिया डॉ. कमलाकर अर्जुन लशकरे ने अपनी टीम के साथ सबसे पहले लखनऊ में गुसाईगंज ब्लाक के कासिमपुर और रहमतनगर गांव का भ्रमण किया। उन्होंने कासिमपुर के प्राथमिक स्कूल के बच्चों से बात की। बच्चों ने फाइलेरिया से जुड़ी मूलभूत जानकारी दीं। डॉ कमलाकर ने दोनों गांव में ग्रामीणों से बात की तो पाया कि आशा उन्हें अपने सामने दवा खिला रही हैं। दवा का वितरण नहीं क्या जा रहा है। डब्ल्यूएचओ की टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी गई और चिकित्सा प्रभारी से मिली।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी-फाइलेरिया डॉ. ए.के. चौधरी ने बताया कि केंद्रीय टीम ने बाराबंकी के देवा व हरख ब्लाक में भी निरीक्षण किया। विजिट संतोषजनक रही। उन्होंने बताया कि टीम ने पाया कि दवा का वितरण कहीं नहीं किया जा रहा है लेकिन इनकार करने वाले व्यक्तियों को सूचीबद्ध नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा लिम्फेडिमा और हाइड्रोसिल के मरीजों का भी रिकार्ड नहीं बनाया जा रहा है जिसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं। भ्रमण के दौरान जिला मलेरिया अधिकारी रितु श्रीवास्तव व पीसीआई, पाथ समेत अन्य पार्टनर संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।