छठ पूजा की सुबह ऐसा रहा लखनऊ के घाटों का नजारा, सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ पूरी हुई इस साल की पूजा

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(www.arya-tv.com) लखनऊ: त्याग, तप और आस्था का महापर्व छठ पूजा आज सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ. अब महिलाएं अगले वर्ष छठी मैया का इंतजार करेंगी. तीन दिन के इस महापर्व में महिलाओं को कठिन तपस्या करनी होती है. इसके लिए महिलाएं पूरी रात छठ पूजा के लिए बने घाटों में पानी में खड़ी रहकर सूर्य भगवान के उदय होने की प्रतीक्षा करती हैं. सुबह सूर्य देव के उदित होते ही महिलाएं उन्हें अर्घ्य अर्पित कर अपने व्रत को पूर्ण करती हैं और छठी मैया से आशीर्वाद की कामना करती हैं. व्रती महिलाओं का मानना है कि छठी मैया उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

लखनऊ के घाटों का हाल
लखनऊ के छठ पूजा घाटों की बात करें तो यहां सुबह से ही हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े. वाहनों की लंबी कतारें, जगह-जगह लगे टेंट और घाट पर बज रहे छठी मैया के गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया है. घाट पर आए लोगों में महिलाएं, उनके परिवारजन दउरी, गन्ना आदि पूजन सामग्री के साथ मौजूद हैं. बालू मिट्टी से महिलाओं ने छठी मैया के प्रतीकात्मक चित्र बनाए हैं, जहां वे धूप, अगरबत्ती और दिए जलाकर पूजा कर रही हैं.

सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त

लखनऊ के छठ पूजा घाटों की बात करें तो यहां सुबह से ही हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े. वाहनों की लंबी कतारें, जगह-जगह लगे टेंट और घाट पर बज रहे छठी मैया के गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया है. घाट पर आए लोगों में महिलाएं, उनके परिवारजन दउरी, गन्ना आदि पूजन सामग्री के साथ मौजूद हैं. बालू मिट्टी से महिलाओं ने छठी मैया के प्रतीकात्मक चित्र बनाए हैं, जहां वे धूप, अगरबत्ती और दिए जलाकर पूजा कर रही हैं.

सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त
लखनऊ के एस. एस. बी. बिल्डिंग के पास गोमती नदी तट पर बने इस छठ घाट के चारों ओर की हवा में एक अद्भुत सुगंध फैली हुई है. मिथिला मंच द्वारा यहां कई स्टेज लगाए गए हैं, जहां से श्रद्धालुओं को ठेकुआ प्रसाद, पानी और चाय वितरित की जा रही है. सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त है, जहां पुलिसकर्मी व्यवस्था बनाए हुए हैं.  लखनऊ प्रशासन द्वारा गाड़ियों की आवाजाही को व्यवस्थित किया गया है ताकि यहां जाम की समस्या न हो और श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू रूप से चलती रहे.

अब अगले साल का इंतजार
इस साल की छठ पूजा सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ पूरी हो गई है. अब महिलाएं अगले साल फिर इस दिन का इंतजार करेंगी और पूरे भाव से पूजा करेंगी. तीन दिन के इस कठिन व्रत का समापन आज हो गया है. अब सभी प्रसाद ग्रहण करेंगे मां से परिवार की कुशलता की कामना करेंगे.