महाराष्ट्र: विधानसभा ने जयंत पाटिल को माना विधायक दल का नेता

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महाराष्ट्र में चल रहे सियासी रस्साकशी को लेकर आज सभी दलों की नजरें उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि अदालत बहुमत परीक्षण को लेकर कोई फैसला सुना सकती है। वहीं शरद पवार ने सोमवार को विधायकों से साफ शब्दों में कहा है कि अजित का भाजपा के साथ सरकार बनाने का फैसला पार्टी का नहीं है और उन्हें व्हिप जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने विधानसभा सचिवालय को एक चिट्ठी सौंपी है जिसमें बताया गया है कि विधायक दल के नेता अजित पवार नहीं बल्कि जयंत पाटिल हैं।

फडणवीस सरकार के खिलाफ दूसरी याचिका दाखिल
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट मे फडणवीस सरकार के फैसलों पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। जिसमें बहुमत परीक्षण होने तक नीतिगत फैसलों पर रोक और अजित पवार को एसीबी से मिली क्लिनचिट के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

जयंत पाटिल की चिट्ठी का विरोध करेंगे अजित पवार
भाजपा नेता आशीष शेलार का कहना है कि वह जयंत पाटिल की चिट्ठी का अजित पवार विरोध करेंगे। खुद राज्यपाल कोश्यारी ने अजित को विधायक दल का नेता माना है। कल उच्चतम न्यायालय ने आपत्ति खारिज की थी कि अजित विधायक दल के नेता नहीं हैं।

जयंत पाटिल बने विधायक दल के नेता
आजतक न्यूज चैनल के अनुसार एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को झटका लग सकता है। विधानसभा सचिवालय के अनुसार एनसीपी ने जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुना है। एनसीपी के पत्र के आधार पर अब विधानसभा में एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होंगे और उनका व्हीप ही अंतिम होगा।

कोश्यारी से मिले फडणवीस
महाराष्ट्र मामले पर उच्चतम न्यायालय मंगलवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाने वाला है। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। यह मुलाकात 26/11 मुंबई हमलों की 11वीं बरसी पर श्रद्धांजलि से पहले हुई है।