(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के रहने वाले रिटायर्ड सिपाही संजय यादव की अकूत संपत्ति पर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. झांसी में 6 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क होने के बाद अब हमीरपुर में मौजूद संजय यादव की संपत्ति पर प्रशासन की निगाहे हैं. संजय यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर ब्लाक प्रमुख का चुनाव भी लड़ चुका है. कुरारा के बचरौली गांव निवासी सेवानिवृत्त सिपाही संजय ने नौकरी के बाद राजनीति में आने के दौरान दस साल में बड़े पैमाने पर संपत्ति बना ली. पीएसी जवान रहे संजय यादव ने कुछ सालों में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया, जिस पर झांसी प्रशासन द्वारा 10 मुकदमे मामले में गैंगस्टर लगाकर वहां स्थित 6 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है.
18 बीघा में रिटायर्ड पीएसी जवान की कोठी
उसके पास झांसी से कहीं ज्यादा संपत्ति हमीरपुर जिले में है. कुरारा क्षेत्र में जखेला मार्ग पर 18 बीघा में आलीशान कोठी है. जानकारी के अनुसार यहां महाविद्यालय खोलने की तैयारी है. सूत्रों के अनुसार संजय यादव के परिवार का दस साल के अंदर कायाकल्प हो गया. संजय यादव के पिता रामरतन यादव परिषदीय स्कूल से शिक्षक पद से सेवानिवृत हुए. जिनके पास 23 बीघा कृषि भूमि थी. इनके चार पुत्र संजय यादव, धनंजय सिंह, पिंटू यादव व अचल सिंह हैं. संजय यादव पीएसी में सिपाही चयनित हुआ.
झांसी में शुरू किया था प्रॉपर्टी डीलिंग का काम
झांसी में तैनाती के दौरान संजय यादव ने सपा शासनकाल में ही प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया था और थोड़े ही समय में करोड़ों का मालिक बन गया. राजनीति में कदम रखने वाला संजय झांसी में पार्षदी चुनाव भी लड़ चुका है. संजय यादव को सपा ने ब्लॉक प्रमुख पद के लिए अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा. संजय का छोटा भाई अचल यादव बचरौली का प्रधान है.
संजय यादव ने कहा- राजनीति के तहत फंसाया जा रहा
वहीं उनकी बेनामी संपत्ति की जांच में संजय यादव का कहना है कि उनको राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है. एक सप्ताह में लगातार मुकदमे लिखे गये हैं. वह झांसी में प्रॉपर्टी का काम करता था और अपनी मेहनत से कार्य किया है, उसके पास कोई अवैध संपत्ति नही है.