फादर बुल्के का सपना होगा पूरा, हिन्दी में होगा बाइबिल का अनुवाद!

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(www.arya-tv.com) मसीही समाज की प्रमुख धार्मिक पुस्तक बाइबिल का हिंदी अनुवाद किया जाएगा. धर्म नगरी काशी से इसकी पहल हुई है. धर्मप्रांत काशी जल्द ही बाइबिल का हिंदी अनुवाद शुरू करेगी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इसमें अहम भूमिका निभाएगा. बाइबिल के हिंदी अनुवाद के बाद यूपी ही नहीं बल्कि बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के चर्चो में हिंदी में प्रार्थना शुरू होगी. हालांकि इसकी शुरुआत काशी के चर्चो से होगी.

काशी विद्यापीठ के महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बाइबिल के हिंदी अनुवाद के लिए हिंदी से जुड़े विद्वानों के साथ मसीही समाज के स्कॉलर और विद्वानों की मदद ली जाएगी. इससे आम जनमानस तक बाइबिल की शिक्षा को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

फादर कामिल बुल्के ने देखा था सपना
धर्मप्रांत काशी के प्रमुख बिशप यूजीन जोसेफ ने अनुसार, पद्मभूषण फादर कामिल बुल्के ने बाइबिल के हिंदी अनुवाद का सपना देखा था. अपने इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने प्रयास भी किया. अब हम सब मिलकर उनके इस अंतिम इच्छा को पूरा करने का प्रयास करेंगे. बता दें कि फादर बुल्के हमेशा से हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए काम करते थे.

कई भाषाओं में हुआ है अनुवाद
जानकारी के अनुसार, बाइबिल का अनुवाद कई शताब्दियों से चलता आ रहा है. इस्राइली लोग इब्रानी बाइबिल का प्रयोग करते हैं. जबकि सिकंदरिया के यहूदियों ने दूसरी शताब्दी ईपू में इब्रानी बाइबिल का यूनानी अनुवाद किया. उसके बाद इन्ही दोनो भाषाओं के आधार पर बाइबिल का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. बाइबिल ईसाइयों की पवित्र धर्म पुस्तक है. इसमें कुल 66 ग्रंथों का संकलन है. जिसमें 39 पूर्व विधान और 27 नव विधान ग्रंथ शामिल है.