यूपी का यह गांव है खास, कोई नहीं खरीदता सब्जी, सबने घर में बनाया किचन गार्डन, पानी बचाने का अनोखा तरीका

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सिकंदरपुर गांव के लोगों ने पानी की एक-एक बूंद को बचाने की अनोखी मिसाल पेश की है. गांव के लोग किचन में बर्बाद हो रहे पानी का इस्तेमाल कर घर के आंगन में ही सब्जियां उगा डाली हैं. ये गांव जिले व प्रदेश के अन्य गांवों के लिए जल संरक्षण को लेकर प्रेरणा का जरिया बन गया है. बूंद-बूंद पानी बचाकर यहां की महिलाओं ने अपने घर के आंगन में ऐसा किचन गार्डन तैयार किया, जिसकी तारीफ आला अधिकारी भी कर रहे हैं.

मेरठ जिले का सबसे आखिरी गांव निकला आगे
मेरठ के सबसे आखिरी गांव की ये ख़ूबसूरत तस्वीर, जो भी देखता है वह तारीफ किए बिना रुकता नहीं है. वैसे तो सिकंदपुर गांव पिछड़े गांवों की लिस्ट में आता है. लेकिन यहां की महिलाओं ने इसकी तस्वीर बदल दी है. मेरठ से तकरीबन पचास किलोमीटर दूर परीक्षितगढ़ क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव ने मिशन पानी को लेकर ऐसा कार्य किया है कि हर कोई इनकी तारीफ कर रहा है.

घर के आंगन में तैयार हुआ गार्डन
न्यूज़ 18 की टीम ने भी इस गांव का दौरा किया तो हर घर में ऐसा लगा जैसे हम किसी वादियों में आ गए हों. यहां की महिलाएं बाहर से बहुत कम सब्ज़ियां खरीदती हैं. क्योंकि सारी सब्ज़ियां घर पर ही मौजूद हैं. बूंद-बूंद पानी बचाकर इन महिलाओं ने सारी सब्ज़ियां फल और फूल अपने घर के आंगन में ही उगा डालें. गांव में सैकड़ों घर हैं और हर घर की वही हरियाली वाली तस्वीर. हर घर में आपको गोभी, भिंडी, मिर्च, लौकी, बैंगन, पपीता, धनिया और कटहल आदि सब्जियां मिल जाएंगी.

अधिकारी भी कर रहे हैं गांव की तारीफ
ताज्जुब की बात ये है कि ये सारी सब्जियां ग्रे वाटर से उगा दी गईं. इस गांव में आपको घर का पानी कहीं भी गली में इकट्टा नहीं मिलेगा. क्योंकि किचन का इस्तेमाल पानी घर के बाहर जा ही नहीं पाता, जो भी इस गांव में यदा कदा आता है तो गांव की इस खूबसूरत तस्वीर देखकर दंग रह जाता है. मेरठ के परीक्षितगढ़ ब्लॉक के अधिकारियों का दिल भी इस गांव ने जीत लिया है. एडीओ का कहना है कि ऐसा गांव यकीनन समूचे समाज के लिए एक उदाहरण पेश करता है.

इस गांव में नाली भी ना के बराबर
इस गांव में नाली का भी वजूद न के बराबर है. क्योंकि घर के बाहर एक भी बूंद पानी नहीं जा पाता. गांव की महिलाओं ने घर में ही सब्ज़ियां उगाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. अगर आपको इस गांव में आना है तो बस इतना पूछ लीजिए कि साहब किचन गार्डन वाला गांव कहां पर है. लोग भले ही इस गांव के नाम से वाकिफ न हों लेकिन अगर किचन गार्डन वाला गांव या फिर आंगन में सब्जियां उगाने वाले गांव किसी से भी पूछेंगे तो वो फौरन बता देगा. वाकई में ये गांव अऩूठा है अनोखा है. बूंद-बूंद पानी बचाने वाला ये गांव वाकई में बेमिसाल है.