उत्तराखंड में तैनात 6500 होमगार्ड्स को पुलिस कांस्टेबल के समान न्यूनतम वेतन देने पर वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। उन्हें 18 हजार रुपये प्रति माह न्यूनतम मानदेय दिया जा सकता है।
मुख्य सचिव के स्तर पर हुई एक बैठक में वित्त, गृह और न्याय विभाग के अधिकारियों की सहमति के बाद अब प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव लाने की तैयारी है। न्यूनतम मानदेय का आदेश 25 अप्रैल 2017 से लागू होगा। यानी प्रदेश सरकार होमगार्ड्स को एरियर का भुगतान भी करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने होमगार्ड्स का न्यूनतम वेतन पुलिस कांस्टेबल के समान करने के आदेश दिए थे। पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, हिमाचल समेत देश के कई प्रदेशों में होमगार्ड्स के मानदेय में बढ़ोतरी की जा चुकी है। उत्तराखंड सरकार में इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार हो रहा है।
वित्तीय कठिनाइयों के चलते प्रदेश सरकार मानदेय वृद्धि और एरियर के भुगतान पर आने वाले खर्च का आकलन करने में जुट गई है। वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो 150 करोड़ का खर्च केवल एरियर का भुगतान करने पर आ रहा है। इसके अलावा करीब 15 करोड़ मासिक खर्च का अनुमान है।
खर्च के आकलन को लेकर गृह और वित्त विभाग के अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। सचिव वित्त अमित सिंह नेगी के मुताबिक, वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। वित्त विभाग की हामी के बाद मुख्य सचिव के स्तर पर भी बैठक की जा चुकी है।
अब गृह विभाग को प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाना है। माना जा रहा है कि जल्द ही गृह विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। उधर, होमगार्ड्स कोर्ट का फैसला लागू होने का बेताबी से इंतजार कर रहे हैं।
वर्तमान में उन्हें 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिल रहा है। इस हिसाब से प्रत्येक कार्यदिवस पर कार्य करने के एवज में 13500 रुपये प्रति माह भुगतान हो रहा है, जिसके सरकार के फैसला लेने के बाद 18 हजार रुपये होने की संभावना है।