‘मैं बस 1 महीने से मंत्री…’ मनीष तिवारी ने पूछ दिया कड़ा सवाल, सन्नाटे में आ गए खट्टर, फिर बीच में आए ओम बिरला

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(www.arya-tv.com)  संसद के बजट सत्र में इस बार काफी हंगामा देखा जा रहा है. यहां बजट को लेकर सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच खूब वार-पलटवार दिख रहा है. हालांकि इस बेहद तल्ख माहौल में भी सदन के भीतर कुछ हल्के-फुल्के पल भी नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक मौका आज लोकसभा में देखने को मिला, जहां केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ ऐसा कह दिया कि स्पीकर ओम बिरला को उन्हें  टोकना पड़ गया.

दरअसल लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी अपना सवाल पूछने के लिए खड़े हुए. इस दौरान उन्होंने पृथ्वी के बढ़ते तापमान का मसला उठाते हुए कहा, ‘रियो डी जेनेरियो में हुए वैश्विक सम्मेलन में यह आम सहमति बनी थी कि ग्लोबल वॉर्मिंग का स्तर 1.5 डिग्री तक कम किया जाएगा, जो कि औद्योगिक क्रांति से पहले के दौर के बराबर होगा.’

आर्थिक सर्वे और वैश्विक प्रतिबद्धता का सवाल
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘अब 1992 से लेकर 2024 तक यह आंकड़ा कई सरकारों के लिए मुश्किल भरा रहा है. मौजूदा आर्थिक सर्वे में एनर्जी ट्रांसमिशन को लेकर दो चैप्टर हैं, जिसमें 1.5 डिग्री वाले इस आंकड़े पर सवाल उठाया गया है. अब मेरा प्रश्न यह है कि क्या सरकार आर्थिक सर्वे में लिखी गई इस बात से सहमत है और अगर सहमत है तो फिर क्या वह वैश्विक समुदाय के बीच बनी सहमति के खिलाफ जाएगी.’

मनीष तिवारी के सवाल पर खट्टर का जवाब
कांग्रेस सांसद के इस सवाल पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘क्योंकि मनीष तिवारी पहले मंत्री रहे चुके हैं, जबकि मैं केवल एक महीने से ही मंत्री हैं. कुल मिलाकर यह विषय बहुत बड़ा और वैश्विक चिंता का विषय है. ठीक 1992 या 97 से चिंता जताई जा रही है. हमने भी वैश्विक समुदाय के सामने कुछ कमिटमेंट किए हैं और उसमें कार्बन उत्सर्जन को 33-35 फीसदी तक कम करने का कमिटमेंट था, लेकिन वह लक्षय हमने वक्त से पहले पूरा कर लिया है. हम कार्बन उत्सर्जन करेंगे और निश्चित रूप से ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के अपने कमिटमेंट को पूरा करेंगे.’इसके साथ ही कहा कि ‘फिर यह विषय बड़ा ही गंभीर है और वैश्विक चिंता का मसला है, इसको डिस्कस करने के लिए कभी चाय पर बैठेंगे और इस चर्चा करेंगे.’ खट्टर की इस बात पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ‘प्रश्न काल में यह नहीं होता कि चाय पीकर जवाब देंगे, जो जवाब आपने दे दिया, वह ठीक है.’