गंगा में डूब रहे कांवड़िया मोनू सिंह के लिए देवदूत बने आशिक अली, उफनती लहरों में कूदकर बचाई जान

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(www.arya-tv.com) सावन का महीना चल रहा है. बड़ी संख्या कांवड़िया हरिद्वार गंगाजल लेने के लिए पहुंच रहे हैं. गंगा का बहाव भी पूरे उफान पर हैं. ऐसे में गंगाजल लेते वक्त कई कांवड़िया मुश्किलों में पड़ जाते है और पानी की लहरों में फंस जाते हैं. जिसे देखते हुए एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है. ऐसी ही एक घटना 23 जुलाई को देखने को मिली 21 साल का मोनू सिंह गंगा की लहरों में फंस गया जिसके बाद SDRF का जवान आशिक अली देवदूत बनकर आया और उसे बचा लिया.

हुआ ये कि मंगलवार को कांगड़ा घाट पर कांवड़ यात्रा के दौरान फ़रीदाबाद के पीर बाबा मोहल्ला का रहने वाला युवक मोनू सिंह गंगा में स्नान करते समय नदी के तेज बहाव की चपेट में आ गया और डूबने लगा. मोनू को डूबते देख जैसे ही घाट पर तैनात जवान आशिक अली की उस पर नजर पड़ी तो उसने बिना समय गंवाए गंगा में छलांग लगा दी.

देवदूत बने आशिक अली ने बचाई जान
बारिश की वजह से गंगा की धारा भी पूरे उफान पर थी. लेकिन आशिक अली ने अपनी जान की परवाह नहीं की और मोनू को बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दी. वहीं उनके साथ तैनात दूसरे एसडीआरएफ के जवान भी नदी में कूद गए. जिसके बाद उन्होंने मोनू को सुरक्षित किनारे तक पहुँचाया. आशिक अली के इस वीरतापूर्ण कार्य की जमकर तारीफ हो रही हैं.

इस घटना के बारे में बताते हुए हेड कांस्टेबल आशिक अली ने कहा कि वो रोजाना की तरह कांगड़ा घाट पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, तभी उन्होंने मोनू को देखा, जो तैरकर गंगा नंदी को पार करने की कोशिश कर रहा था लेकिन बीच में ही थक गया और तेज बहाव में फंस गया, जिसके बाद वो उसे बचाने के लिए गंगा में कूद गए.

आशिक अली ने कहा कि ये उनका काम है. वो और उनकी टीम सालों से ये करती आ रही है. वो हर साल क़रीब 40-50 कांवड़ियों की जान बचाते हैं. हमें इसकी ख़ास ट्रेनिंग दी गई है. गंगा घाट पर एसडीआरएफ के छह जवान तैनात है जो क़रीब 500 मीटर के एरिया को कवर करते हैं और हर घटना पर नजर रखते हैं. आशिक अली ने बताया कि उन्होंने साल 2012 उत्तराखंड पुलिस ज्वाइन की थी और 2014 में वो एसडीआरएफ में आ गए. साल 2021 से हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान उनकी यहां ड्यूटी लगती है.