(www.arya-tv.com) विवादों में घिरीं महाराष्ट्र कैडर की आईएएस पूजा खेडकर के बाद अब एक और आईएएस अभिषेक सिंह निशाने पर हैं. बता दें कि आईएएस पूजा खेडकर पर कई तरह के आरोप लगे हैं. उनमें से एक आरोप यह भी है कि उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाए थे. इसके अलावा उन्होंने ओबीसी आरक्षण का फायदा लेने के लिए खुद को नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी बताया था, जबकि उनकी खुद की संपत्ति करोडों में है. अब इन्हीं विवादों के बीच यूपी के एक और आईएएस का नाम आ रहा है. यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे अभिषेक सिंह की विकलांगता के आधार पर चयन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. एनडीटीवी में छपी खबर के मुताबिक पूर्व आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह भी विवादों में घिर गए हैं. उन पर भी विकलांगता के दावे को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अभिषेक सिंह पर आरोप है कि उन्होंने विकलांगता के आधार पर चयनित होने के लिए गलत जानकारी दी थी, जिसके बाद अभिषेक सिंह ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका मुंहतोड जवाब दिया है.
चर्चा में अभिषेक का वीडियो
वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अभिषेक सिंह ने पूजा खेडकर विवाद सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने प्रशासनिक चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की मांग की थी. जिसके बाद कुछ यूजर्स ने उनकी चयन प्रक्रिया को लेकर ही कमेंटस करना शुरू कर दिया. उन पर यह तक आरोप लगा दिया कि उन्होंने भी यूपीएससी में चयन के लिए विकलांगता के फर्जी सर्टिफिकेट लगाए थे.
अभिषेक ने जमकर दिया जवाब
पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह ने इस तरह के आरोपों के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका जवाब लिखा, जिसमें उन्होंने अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. अभिषेक सिंह ने लिखा कि वैसे तो मुझे किसी आलोचना से कोई फर्क नहीं पड़ता, पर ये मेरे जीवन काल में पहली बार है, जब मैं अपने आलोचकों को जवाब दे रहा हूं और वो इसलिए क्योंकि मेरे हज़ारो समर्थक मुझसे कह रहे हैं कि आप जवाब दें नहीं तो हमारा मनोबल टूट जाएगा. अतः ये मेरा नैतिक कर्तव्य है कि मैं सच्चाई सामने रखूं जिससे उनका भरोसा ना टूटे. तो ये जवाब मेरे समर्थकों को समर्पित है ना कि आलोचकों को.
आरक्षण के पक्ष में उठा रहा हूं आवाज
पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह ने लिखा है कि जबसे उन्होंने आरक्षण के पक्ष में आवाज़ उठाना शुरू किया है, आरक्षण विरोधियों की पूरी सेना ने सब काम छोड़कर मुझपे मोर्चा खोल दिया है. उनको यह बात हज़म नहीं हो रही कि एक जनरल कैटेगरी का लड़का आरक्षण के पक्ष में कैसे बोल रहा है?
अपने दम पर बना आईएएस
पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह ने कहा कि पहले तो आपने मेरी कास्ट पर ही सवाल उठाया और कहा कि मैं झूठा सिंह हूं, फिर आपने कहा कि मैं अपनी नौकरी वापिस मांग रहा हूं, और अब कह रहे हैं कि मैंने नौकरी आरक्षण से ली है. मैं आपसे बड़ी विनम्रता पूर्वक एक बात कहना चाहता हूं. अभिषेक सिंह अपने पुरुषार्थ, कर्मठता और साहस के लिए जाना जाता है. किसी की कृपा के लिए नहीं. मैंने अपने जीवन में जो कुछ हासिल किया है अपने दम पर हासिल किया है, किसी आरक्षण के दम पर नहीं.
कौन हैं आईएएस अभिषेक सिंह
पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता कृपाशंकर सिंह भी यूपी में आईपीएस रहे. अभिषेक उस समय चर्चा में आ गए थे. जब वर्ष 2022 में उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग की ओर से प्रेक्षक बनाया गया था. इस दौरान उन्होंने सरकारी कार के आगे फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद उन्हें प्रेक्षक से हटा दिया गया था. गुजरात से लौटने के बाद वह वापस यूपी कैडर में आ गए. इससे पहले अभिषेक को वर्ष 2015 से तीन साल के लिए दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. इसके बाद इसे दो साल के लिए और बढा दिया गया, लेकिन इस दौरान वह मेडिकल लीव पर चले गए. दिल्ली सरकार ने अभिषेक को मूल कैडर यूपी में वापस भेज दिया लंबे समय तक उन्होंने ज्वाइन ही नहीं किया. बाद में 30 जून 2022 को ज्वाइन किया. इस दौरान उनको कुछ समय के लिए सस्पेंड भी किया गया. बाद में उन्होंने वर्ष 2023 में इस्तीफा दे दिया. अब वह सामाजिक व राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हैं.