(www.arya-tv.com) Edited by jaikishan गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के हालात पर बयान दिया है। कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के द्वारा उठाए गए सवालों का जब अमित शाह उन सवालों जवाव दे रहें थे। विपक्ष की ओर से हंगामा किया गया इस दौरान जब आजाद ने बीते इतिहास का हवाला दिया तो अमित शाह ने कहा कि मैं ये नहीं चाहता हॅूं कि अतीत वो लोग घसीट कर वहां तक ले जाए।
और राज्यसभा में गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि आज के जमाने में इंटरनेट, स्वास्थ्य काफी जरूरत है। पड़ोसी देश 1947 से है। हम भी सीएम रहें हैं। कुछ ही दिनों के लिए इंटरनेट बंद रहता तो ऐसा कभी नहीं हुआ कि साढ़े तीन महीने तक इंटरनेट बंद कर दिया जाए।
अगर इन्टरनेट को बंद कर दिया जाए तो बहुत नुकसान हो सकता है।
काग्रेस के नेता गुलाम नवी सवाल करते समय गृह मंत्री अमित शाह को निसाना बनाते हुए कहा जब अमित शाह को टोका तो उन्होंने कहा कि अगर गुलाम नबी आजाद इन आंकड़ों को चैलेंज करते हैं तो मैं जिम्मेदारी के साथ बोलता हॅूं कि सारी जिम्मेदारी मेरी है। आप रिकॉर्ड पर कहिए कि ये आंकड़ा गलत है। इस मसले पर मैं घंटों की चर्चा के लिए भी तैयार हूं।
इसी के दौरान अमित शाह ने उन्हें बीच में टोका कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जरिए कहा कि मैं ये नहीं चाहता था कि इतिहास में जाऊं लेकिन वो मुझे घसीट कर ले जा रहें हैं। अब उन्होंने कहा तो मुझे जवाब देना होगा। अब अगर वो नहीं रुके तो आप मुझे नहीं रोक सकते, उनको सहा अब मुझे भी सहना होगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंटरनेट आज सूचना के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि पूरे देश में मोबाइल 1995-96 में आया लेकिन कश्मीर में मोबाइल बीजेपी सरकार 2003 लेकर आई है। अमित शाह ने कहा कि इंटरनेट जरूरी है लेकिन देश की सुरक्षा का सवाल है। आतंकवाद के खिलाफ की लड़ाई का सवाल तो हमें सोचना पड़ेगा और जब जरूरी लगेगा तो हम इसे जरूर चालू करेंगे।
और कश्मीर के हालात के बारे में अमित शाह से सवाल पूछा गया। जिसमें स्कूल-मेडिकल सुविधा के बारे में विस्तार से जवाब मांगा गया। इस पर अमित शाह ने कहा कि घाटी में दवाइयों की उपलब्धता पर्याप्त है। दुकान-अस्पताल में भरपूर दवाईयॉं हैं। इस दौरान गृह मंत्री ने कश्मीर में स्वास्थ्य के मसले के आंकड़े भी जारी किए।
कश्मीर में सबकुछ ठीक है’
गृह मंत्री अमित शाह का कहना कि कश्मीर में स्थिति सामान्य हो चुकी है। 5 अगस्त के बाद घाटी में एक भी व्यक्ति की पुलिस फायरिंग से मौत नहीं हुई है। इसके अलावा 195 पुलिस स्टेशन में जो प्रतिबंध लगे थे वो हटा दिया गया है। पत्थरबाजी की घटनाएं भी कम होती जा रहीं है। इसके अलावा सभी स्कूल खुल रहे हैं। स्कूलों में परीक्षा भी ठीक से हो रहीं है।
