(www.arya-tv.com) कहा जाता है कि ‘पूत कपूत हो सकते हैं, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती’। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इस कथन को गलत साबित कर दिया। यहां मां ने अपने एक दिन के नवजात को जंगल में मरने के लिए फेंक दिया। जंगल में फेंके गए इस नवजात बच्चे की नाड़ी तक नहीं काटी गई। आखिरकार भूख से रोती-बिलखती इस बच्ची पर गांव के लोगों की नजर पड़ी। बच्ची की हालत को देखते हुए गांव वालों ने तुरंत 108 पर फोन कर इसकी सारी जानकारी दी।
गंदे कपड़े में नाड़ी से लिपटी मिली बच्ची
गांव के लोगों ने बताया कि वह गुरुवार सुबह इस रास्ते से जा रहे थे, यहां उन्हें बच्ची के रोने की हल्की-हल्की आवाज सुनाई दी। उन्होंने इधर-उधर देखा तो उनकी नजर गंदे कपड़े में लिपटे नवजात पर पड़ी। उन्होंने तुरंत बच्चे की सांस चेक की, जो चल रही थी। इसके बाद उन्होंने बिना देरी किए 108 पर फोन कर इसकी जानकारी दी। सूचना मिलते ही 108 की टीम मौके पर पहुंची।
कीड़ों ने भी बच्ची को काटा
घटना स्थल पर पहुंची 108 की टीम ने बच्ची को गंदे कपड़े से निकाला। डॉक्टर ने बच्ची की नाड़ी काटी। इसके बाद नवजात बच्ची को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समनापुर पहुंचे। यहां इलाज के दौरान पता चला कि बच्ची को कई सारे कीड़ों ने काटा है। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें डॉक्टर बच्ची की नाड़ी काटते हुए दिखाई दे रहे हैं। बीएमओ चंद्र शेखर धुर्वे ने बताया कि फिलहाल बच्ची को बेहतर इलाज के लिए डिंडोरी जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। इस मामले में समनापुर थाना के SI पारस यादव ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 317 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।