सच साबित हुए अखिलेश यादव के पुराने ‘स्वामी’, फैसले से लगी मुहर! जानें क्यों

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) समाजवादी पार्टी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के छह उम्मीदवारों की अपनी पांचवीं सूची जारी की, जिसमें पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट आने के बाद एक बार फिर पूर्व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का दावा सच होते नजर आ रहा है.

सपा ने अपनी पांचवीं लिस्ट की सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर यह जानकारी दी है. सपा ने उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव के लिए छह उम्मीदवारों की घोषणा की. पार्टी ने इस बार फिर से मिश्रिख लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बदल दिया है. पार्टी ने मनोज कुमार राजवंशी को मिश्रिख सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि इससे पहले मिश्रिख से रामपाल राजवंशी को प्रत्याशी बनाया गया था.

चिट्ठी में किया था जिक्र
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते महीने सपा के नाराज होने के बाद राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दिया था. तब उन्होंने अखिलेश यादव को एक चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने अपनी चिट्ठी में अखिलेश यादव के कई फैसलों पर सवाल किए थे. उन्होंने कहा था कि सपा अध्यक्ष बार-बार अपने प्रत्याशी या सिंबल बदल देते हैं. तब उन्होंने अपने इस आरोपों के पीछे विधानसभा चुनाव का जिक्र किया था.

पहले सपा की ओर से बदायूं में अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया गया था. लेकिन इसके बाद फिर धर्मेंद्र यादव की जगह पर चाचा शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया. अब पांचवीं लिस्ट में धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ से सपा ने उम्मीदवार बनाया है. जिसके बाद अखिलेश यादव पर स्वामी प्रसाद मौर्य के आरोप फिर से चर्चा में आ गए हैं.