युवा वर्ग में भी निवेश करने का प्रचलन तेजी से बढ़ चुका है। खासतौर पर मिलेनियल्स और प्रोफेशनल अपनी आय को खर्च करने के बजाए उसको बचाने भी लगे हैं। लोन लेने में आगे रहने वाला युवा वर्ग भी अब निवेश की अहमियत को समझकर के इसकी तरफ भी आगे बढ़ रहे हैं। यह लोग अपनी आय का 40 फीसदी हिस्से की बचत कर रहे हैं।
निवेश के सबसे पसंदीदा जरिया बना म्यूचुअल फंड
मिलेनियल्स के लिए म्यूचुअल फंड निवेश का सबसे बड़ा जरिया बन गए हैं। एक कंपनी द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार आय में से बचत करने का राष्ट्रीय औसत 38 फीसदी ही है। रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार 2017-18 में भारतीय परिवारों में औसत बचत जीडीपी का 17.2 फीसदी है, जबकि 2011-12 में यह 23.6 फीसदी था। युवाओं की पहली पसंद इक्विटी और इक्विटी आधारित इंस्ट्रूमेंट्स हैं, जिसमें वे म्यूचुअल फंड के जरिए पैसा लगाना पसंद करते हैं।
क्यों बढ़ी है निवेश की आदत
युवा वर्ग अब समझने लगा है अगर जिंदगी को बढ़िया तरीके से जिंदगी को जीना है, तो फिर बचत करनी होगी। अगर बचत नहीं करेंगे तो फिर आगे के बड़े खर्चों की पूर्ति नहीं हो पाएगी। ऐसे लोग अभी से यह भी सोचने लगे हैं कि रिटायरमेंट के वक्त भी अच्छा खासा फंड होना चाहिए। एचएसबीसी का सर्वे बताता है कि युवा पीढ़ी अपने रिटायरमेंट को लेकर सही बचत कर रही है, जबकि 60 साल से अधिक उम्र के 22 फीसदी और 50 से 60 साल के बीच की उम्र के 14 फीसदी लोग रिटायरमेंट के लिए सेविंग नहीं कर रहे हैं।
इन बड़े खर्चों पर है फोकस
तकरीबन 86.9 फीसदी युवा जानते हैं कि जिंदगी को कैसे मैनेज करना है। जो युवा जल्दी नौकरी शुरू कर देते हैं, वे लाइफस्टाइल पर जमकर खर्च करते हैं। मनीमूनर्स का पहला लक्ष्य मकान खरीदना होता है। इसके बाद वह विदेश यात्रा पर जाने के लिए धन जुटाते हैं। वेल्थ वॉरियर्स के लिए अपना रिलेशनशिप, बच्चों की पढ़ाई और घरेलू खर्चे सबसे अहम होते हैं।
