(www.arya-tv.com) राजधानी के सराय रोहिल्ला इलाके में दिल्ली पुलिस की टीम अपने एक सीक्रेट ऑपरेशन पर थी. लंबे समय से पुलिस टीम और अपराधी के बीच मैं डाल-डाल और तू पात-पात का खेल चल रहा था. तमाम कोशिशों के बावजूद यह अपराधी बार-बार पुलिस की गिरफ्त से फिसल रहा था. तभी इस ऑपरेशन टीम में शामिल एक हेड कॉन्स्टेबल के दिमाग में एक आइडिया आया. हेड कॉन्स्टेबल में अपना यह आइडिया साथी कॉन्स्टेबल के साथ साझा किया. इसके बाद, दोनों पुलिसकर्मियों ने मिलकर ऐसा खेल खेला कि यह अपराधी को भी यह पता नहीं चला कि वह कब गिरफ्तार हो गया.
रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि यह पूरा मामला आईटीबीपी के एक जवान की शिकायत से जुड़ा हुआ है. आईटीबीपी के हवलदार टी-सैमुअल ने सराय रोहिल्ला पुलिस स्टेशन को शिकायत देकर बताया था कि जब वह हिसार एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन में बोर्ड हो रहे थे, तभी किसी ने उन्हें पीछे से धक्का दिया और उनका मोबाइल छीन का भाग गया. झपटमार की धरपकड़ के लिए सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन के एसएचओ बालाशंकरन उपाध्याय के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर जांच शुरू की गई. इलेक्ट्राॅनिक सर्विलांस के जरिए पता चला कि हवलदार का मोबाइल सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर ही सक्रिय है
आरोपी को पकड़ने के लिए हेड कॉन्स्टेबल ने लिया यह फैसला
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, फोन की तलाश में रेलवे स्टेशन पर सादे कपड़ों पर पुलिस कर्मियों को फैला दिया गया और मोबाइल फोन झपटमार की तलाश शुरू की गई. तमाम कोशिशों के बावजूद आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा. इसी बीच, पता चला कि यह मोबाइल रेलवे स्टेशन के टिकट विंडो के आसपास कही मौजूद है. इस सूचना के बाद हेडकॉन्स्टेबल सुरजीत को पूरा भरोसा हो गया कि आरोपी अपने दूसरे शिकार की तलाश में टिकट विंडो के आसपास घूम रहा है. जिसके बाद, हेडकॉन्स्टेबल सुरजीत ने फैसला किया कि आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए वह अपनी खुद की जेब कटवाएंगे.
पता ही नहीं चला कब पुलिस के जाल में फंस गया आरोपी
हेडकॉन्स्टेबल सुरजीत ने अपने साथी कॉन्स्टेबल प्रीतम को कुछ समझाकर वहां से चले गए. वे लापरवाही से अपना मोबाइल फोन हाथ में घुमाते हुए टिकट विंडो पर लगी लाइन के पास पहुंचे और अपने मोबाइल को पीछे की पॉकेट पर रखकर लाइन पर लग गए. हेडकॉन्स्टेबल सुरजीत का आइडिया काम कर गया और जैसे ही आरोपी ने उनकी जेब से फोन निकालना चाहा, पीछे से कॉन्स्टेबल प्रीतम ने उसे धर दबोचा. इस तरह, आरोपी का पता ही नहीं चला कि कब वह पुलिस के जाल में फंस कर गिरफ्तार हो गया है. पूछताछ के दौरान आरोपी की पहचान बिजनौर मूल के शादाब के रूप में हुई है. उनके कब्जे से आईटीबीपी के जवान का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया.