(www.arya-tv.com) अयोध्या : राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट फैसला आने के बाद अयोध्या की न सिर्फ तकदीर बदली बल्कि तस्वीर भी बदलती गई है. साल 2019 में अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में जैसे ही फैसला आया. वैसे अयोध्या में निवेशकों का रुझान बढ़ता गया. आवास विकास परिषद “नव्य अयोध्या” का निर्माण कर रही है. जिसके लिए आवास विकास परिषद ने जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया है. नव्य अयोध्या में अभिनंदन लोढ़ा जैसे ग्रुप अपना टाउन सिटी भी बनाने जा रहा है. जिसमें 7 स्टार जैसे होटल बनाए जाएंगे.
इतना ही नहीं लोढ़ा ग्रुप के टाउन सिटी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी जमीन ली है. इसके साथ ही गोरखपुर के गीता प्रेस ने प्रभु राम की नगरी में अपना ब्रांच खोलने का ऐलान भी कर दिया है. लग रहा है कि प्रभु राम की नगरी अयोध्या में जमीन को खरीदने के लिए होड़ मची है. बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लेकर आम जनता तक धर्मनगरी अयोध्या में जमीन के तलाश में है. वह लगातार स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों से जमीन के लिए संपर्क भी कर रहे हैं. शायद यही वजह है कि साल 2018-19 में जमीन के 32549 बैनामा हुए थे तो वहीं साल 2022-23 में यह आंकड़ा 45360 हो गया.
15 -20 किलोमीटर में जमीन मिलना मुश्किल
प्रभु राम के भव्य महल में विराजमान होने के बाद हर कोई अयोध्या में अपना आशियाना बनाना चाहता है.हालत यह है कि अयोध्या धाम से लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी में भी जमीनों का मिलना मुश्किल हो गया है. अयोध्या के आसपास गांव में भी जमीन के लिए लोग संपर्क करते नजर आ रहे हैं. अयोध्या धाम में जमीन की कीमत की अगर बात करें तो पहले की अपेक्षा कई गुना की जमीन की कीमतों में वृद्धि भी हुई है. प्रॉपर्टी डीलर बताते हैं कि पहले जो जमीन 500 और ₹1000 स्क्वायर फीट हुआ करते थे. वह अब 3000 से ₹4000 स्क्वायर फीट बिक रहा हैं.
बैनामा की संख्या में लगातार वृद्धि
स्टांप के सहायक आयुक्त योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जब से राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था. तब से अयोध्या में जमीन की खरीद में वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं राजस्व की प्राप्ति और बैनामा की संख्या में लगातार वृद्धि भी हुई है. अयोध्या धाम की जितनी भी जमीन है वह सदर तहसील में ही पड़ती है. आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में जमीन के 32549 बैनामे हुए थे और 2022-23 में यह संख्या बढ़कर लगभग 45000 हो गई है. 2018-19 की तुलना में इस समय 70 फीसदी राजस्व में वृद्धि हुई है. इससे यह पता चलता है कि अयोध्या में निवेशक ज्यादा आ रहे हैं.