(www.arya-tv.com)वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी तहखाने में पूजा शुरू होने के बाद अब उसके नाम पर चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नागेंद्र पांडे ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘किसी का भी नामकरण तभी किया जाता है जब उसे पुकारना हो. मुख्य मंदिर के नीचे के भाग को भूतल कहा जाता है. मुझे लगता है कि इसे(व्यास जी का तहखाना) भूतल कहने के बजाय ‘ताल गृह’ या ‘ताल घर’ कहा जाना चाहिए. यह बहुत अच्छा नाम है. ये शब्द शुद्ध है और उसका अर्थ भी शुद्ध है.”
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित व्यास जी तहखाने में जिला अदालत द्वारा हिंदू भक्तों को पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने बृहस्पतिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी के जिला अदालत में भी अर्जी देकर हिंदू पक्ष को उक्त स्थान पर पूजा करने से रोकने का अनुरोध किया है.
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मस्जिद परिसर के भीतर व्यास जी के तहखाना में हिंदू भक्तों को पूजा अर्चना की अनुमति देने के वाराणसी की अदालत के निर्णय को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का बृहस्पतिवार को रुख किया. इंतेजामिया कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के महानिबंधक के समक्ष आवेदन किया है.अदालत में दाखिल अपील में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासी मंडल और आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेन्द्र कुमार पाठक को पक्षकार बनाया गया है. वाराणसी की अदालत के निर्णय के खिलाफ दाखिल अपील में दलील दी गई है कि यह वाद स्वयं में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत पोषणीय नहीं है. साथ ही तहखाना का व्यास परिवार के स्वामित्व में होने या पूजा आदि के लिए देखरेख किए जाने की कोई चर्चा नहीं थी जैसा कि मौजूदा वाद में दावा किया गया