सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया एतिहासिक फैसला

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(www.arya-tv.com) सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक राम जन्मभूमि मामले में शनिवार को फैसला सुना दिया हैै। कोर्ट ने विवादित जमीन राममंदिर न्यास को दी है जब कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और पांच एकड जमीन देने की बात कही है।

फैसला करने वाले मुख्य न्यायाधीस

जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (एस ए बोबडे़)
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़
जस्टिस अशोक भूषण
जस्टिस एस अब्दुल नजी

देश का सबसे पुराना विवाद रामजन्म भूमि जो 70 वर्षो से चला आ रहा था। इस मामले में विवादित स्थल पर मूर्ति देखे जाने के बाद 1949 में पहली बार मामला कोर्ट पहुंचा। सालों से लंबित यह मामला फैजाबाद की निचली अदालत से होते हुए पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने साल 1946 का फैसला बरकारा रखा। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया गया है

कोर्ट ने कहा निर्मोही अपना दावा साबित नहीं कर पाया।
पुरातत्व सबूतों की अनदेखी नहीं कर सकते।
वह हाई कोर्ट के आदेश पर पूरी पारदर्शिता से हुआ उसे खारिज करने की मांग गलत है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

अयोध्या समेत देश भर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही यूपी, दिल्ली, बिहार,राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में स्कूल, कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। फैसले के बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है।

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि विवादित ढांचे में पुरानी संरचना की चीज़ें इस्तेमाल हुई या नहीं 12वीं सदी से 16वीं सदी पर वहां क्या हो रहा था। ये साबित नहीं हुआ है।

मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चबूतरा,भंडार, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि होती है लेकिन टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता, विवादित ढांचे के नीचे एक पुरानी रचना से हिंदू दावा माना नहीं जा सकता।

अयोध्या में राम का जन्म होने के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया। विवदित जगह पर हिन्दू पूजा करते रहे थे। गवहों के काॅस उक्जामिनेशन से हिन्दू दावा झूठा साबित नहीं हुआ। चुबूतरा, भंडार, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि होती है। हिन्दू परिब्रमा भी किया करते थे।

सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला को देने का फैसला किया है।  मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन कही और दी जाएगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है।

अयोध्या में राम का जन्म होने के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया।
विवादित जगह पर हिन्दू पूजा करते थे।
चुबूतरा, भंडार, सीता रसोई के दावे से पुष्टि होती है।

मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड की तरफ से वकील जफरयाए जिलानी ने कहा है कि हम सभी भाईयों और देश की आवाम से अपील करते हैं कि किसी भी प्रकार का प्रदर्शन और विरोध न करें। कोर्ट के फैसले का सम्मान करें यह किसी कि हार या जीत नहीं है पर हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं। हम चाहते है कि इसपर फिर से पूनर विचार की मांग कर सकता है।