राजेश खन्ना आए जिद पर, ऋषिकेश मुखर्जी को पड़ा झुकना, हर घर तक पहुंचा दी थी मन्ना डे की आवाज

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(www.arya-tv.com)  मुंबई. राजेश खन्ना के लिए कहा जाता है कि वे बेहद जिद्दी थे. उन्हें जो सही लगता था वे वही करते थे और अपने निर्देशकों के भी कई बार पीछे पड़ जाया करते थे. एक दफा वे ऋषिकेश मुखर्जी के पीछे इस कदर पड़ गए थे कि उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा था. लेकिन बाद में राजेश खन्ना की यह जिद फायदे का सौदा साबित हुई थी.राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर में कई फिल्मों के जरिए दर्शकों को लुभाया है. लेकिन उनकी कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिनके किरदार हमेशा के लिए अमर हो गए हैं. राजेश खन्ना ने इन किरदारों को इस कदर जिया कि वे दर्शकों के जेहन में बस गए. ऐसी ही एक फिल्म के एक गाने के लिए राजेश खन्न जिद पर अड़ गए थे.

बॉलीवुड के महान गायक और संगीतकार के तौर पर मन्ना डे का नाम आज भी लिया जाता है. मन्ना डे की आवाज से सजे कई गाने हैं, जो आज भी सुनने पर दिल को छू जाते हैं. मन्ना डे ने यूं तो कई कलाकारों के लिए आवाज दी है लेकिन राजेश खन्ना के लिए उनके गाए गाने कुछ खास रहे हैं. उनके लिए गाया एक गाना तो आज भी अमर है और जिंदगी को परिभाषित करता है.

​मन्ना डे के जिस गाने की यहां हम बात कर रहे हैं वह फिल्म ‘आनंद’ से है. राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म 12 मार्च 1971 को रिलीज हुई थी. फिल्म को ऋषिकेश मुखर्जी ने निर्देशित किया था और यह ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. खास बात यह है कि यह गाना पहले फिल्म में शामिल नहीं था लेकिन बाद में इसे राजेश खन्ना पर फिल्माया गया.

1942 में मन्ना डे ने असिस्टेंट म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर इसके बाद उन्होंने संगीत की दुनिया में अलग नाम कमाया. फिल्म ‘आनंद’ का संगीत सलील चौधरी ने दिया था और इसके सभी गाने बेहद हिट रहे थे. फिल्म में ​जिंदगी को बयां करता एक गाना था ‘जिंदगी कैसी है पहेली हाय…’.यह गाना पहले बैकग्राउंड के लिए फाइनल किया गया था, जो पूरी फिल्म के दौरान बजने वाला था. जब राजेश खन्ना ने यह गाना सुना तो वे मन्ना डे की आवाज से मंत्रमुग्ध हो गए. उन्होंने निर्माता से कहा कि यह गाना फिल्म में शामिल किया जाए और उन पर फिल्माया जाए. पहले तो इस बदलाव को लेकर मुखर्जी तैयार नहीं थे लेकिन बाद में राजेश खन्ना की जिद वे मान गए.

राजेश खन्ना पर मन्ना डे की आवाज से सजा यह गाना फिल्माया गया. जब 3 मिनट 30 सैकेंड का यह गाना सामने आया तो हर सुनने वाला मन्ना डे की आवाज में खो गया. यह गाना इतना हिट हुआ कि हर घर में सिर्फ यही गाना सुना जाता था.बता दें, मन्ना डे ने ‘लागा चुनरी में दाग’, ‘एक चतुर नार’, ‘यारी है ईमान मेरा’, ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’ जैसे कई कालजयी गीतों को आवाज दी है. मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश, लता मंगेशकर जैसे गायक भी उनकी आवाज के दीवाने थे. 24 अक्टूबर 2013 को दिल का दौरा पड़ने से मन्ना डे साहब का निधन हो गया था.