चारों धाम का जल लेकर राम मंदिर अयोध्या जाएंगी ‘हिमालय लाडली’, 22 जनवरी को पूरा होगा संकल्प

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(www.arya-tv.com) इन दिनों पूरा भारतवर्ष राममय है और सबको अगर किसी तारीख का इंतजार है तो वह है 22 जनवरी. उसका कारण है अयोध्या (Ram Temple Ayodhya) में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा. ऐसे में हिमालय लाडली नाम से विख्यात साध्वी विचित्र रचना भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उत्तराखंड के चारों धाम से पवित्र जल, सवा क्विंटल लड्डू का प्रसाद, 108 भगवा ध्वज के अलावा बाबा केदार का स्मृति चिन्ह लेकर अयोध्या जाएंगी. 22 जनवरी के अभिजीत मुहूर्त, मृगशिरा नक्षत्र में दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इन दिनों समारोह को भव्य बनाने की तैयारियां चल रही हैं. कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर हिमालय लाडली, अखंड भारत शक्तिपीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष और कथा वाचिका भी शिरकत करने जा रही हैं. अपने साथ वह देवभूमि उत्तराखंड के गौरीकुंड, मंदाकिनी, अलकनंदा, रुद्रप्रयाग संगम, देवप्रयाग संगम, गंगोत्री के गौमुख, यमुनोत्री उद्गम से गंगा जल ले जाएंगी. इसके अलावा वह मध्य प्रदेश से नर्मदा का जल भी अयोध्या लेकर जाएंगी.

साध्वी विचित्र रचना ने कहा कि प्रभु श्रीराम चन्द्र 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और उनका संकल्प भी 14 वर्ष बाद पूरा होने जा रहा है. यह सौभाग्य है कि बाबा केदारनाथ और भगवान नारायण सहित भगवती आदि शक्ति की कृपा से 22 जनवरी को पावन नगरी अयोध्या में श्रीराम चन्द्र का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने जा रहा है. 2010 में उन्होंने एक संकल्प लिया था कि वे साध्वी होने के बाद भी संन्यासी के वस्त्र तब तक नहीं पहनेंगी, जब तक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर प्रभु का मंदिर नहीं बनता और उस पर भगवा ध्वज नहीं लहराता. इस पर उनके गुरू परिवार के लोग टोकते थे, लेकिन उन्होंने भविष्यबद्री में शीतकाल में घोर तपस्या की, जिस समय पशु-पक्षी और मनुष्य भी उस स्थान को छोड़ देते हैं. ऐसे स्थान पर 6 माह तपस्या पूर्ण होने पर अक्षय तृतीया को श्रीमद् भागवत कथा संपूर्ण की. उनकी इस तपस्या और संकल्प से उनके दोनों गुरुदेव हनुमान जी महाराज एवं स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज प्रसन्न हुए.

खत्म होने जा रहा 500 साल का इंतजार

साध्वी विचित्र रचना ने कहा कि 500 साल बाद सनातनियों की प्रतीक्षा पूरी होने जा रही है. साथ ही उनका संकल्प भी 22 जनवरी को अयोध्या में मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लगाकर और भगवा वस्त्र धारण कर पूर्ण होगा. साध्वी विचित्र रचना जहां एक ओर समाज के गरीब लोगों की मदद के लिए आगे आती रही हैं, वहीं निराश्रित गोवंश के संरक्षण को लेकर भी कार्य कर रही हैं. उनकी ओर से गौहरीमाफी रायवाला ऋषिकेश में गाय और नंदी के संरक्षण को लेकर गौ धाम का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें करीब एक हजार से ज्यादा गाय और नंदी का संरक्षण होगा. उनका संकल्प है कि वह शहरों में निराश्रित घूम रहे गोवंशों के संरक्षण को लेकर कार्य करेंगी और इनके लिए एक आशियाना तैयार कर इनके जीवन को बचाएंगी.