(www.arya-tv.com) अटल इन्नोवेशन सेंटर के माध्यम से युवा ऐसे-ऐसे विज्ञान के मॉडल तैयार कर रहे हैं जो की सभी के लिए काफी प्रेरणादायक हैं. कुछ इसी तरह का नजारा एनएएस इंटर कॉलेज में भी देखने को मिला. जब मंडलीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में मेरठ से संबंधित जिलों के स्कूल से विज्ञान में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं द्वारा अनोखे मॉडल प्रस्तुत किए. इन्हीं में से बुलंदशहर जनपद के शिकारपुर स्थित बृजभान सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल से आए स्टूडेंट ने irrigation and animal safety नाम से एक मॉडल तैयार किया. जो खेतों के चारों ओर किसी भी जानवर के आने से पहले ही सायरन बजा देंगा.
कक्षा 11 के स्टूडेंट मुकुल कुमार व सुदामा ने बताया कि इस मॉडल को उन्होंने अपने टीचर विजय कुमार की देखरेख में बनाया है. वह कहते इस मॉडल को बनाने का उनका उद्देश्य है. जिस प्रकार अब किसान अपनी फसल को बचाने के लिए खेत के चारों ओर तार लगाकर उनमें कई बार करंट छोड़ देते हैं. उससे जंगली जानवरों के साथ कई बार किसानों को भी हानि पहुंचती है. ऐसे में अगर वह चारों तरफ तार लगाने के बाद इस सेंसर नैनो डिवाइस का उपयोग करेंगे. तो जैसे ही कोई जानवर तार के आसपास आएगा. तो यह डिवाइस बज जाएगी. इससे जानवर डरकर दूर भाग जाएंगे. किसान की फसल को भी नुकसान नहीं होगा.
चार हजार से पांच हजार का ही बैठेगा खर्चा
बृजभान सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में संचालित अटल इन्नोवेशन लैब के इंचार्ज विजय कुमार ने बताया की irrigation and animal safety मॉडल को अगर किसानों द्वारा लागू किया जाता है. तो चार से पांच हजार रुपए का ही खर्च आएगा. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस में बजर लगा हुआ होगा. ऐसे में जो भी जानवर तारों के चारों ओर जैसे ही आएगा. यह बजर बजने लगेगा.
मिट्टी में पानी की कमी भी बताएगी या डिवाइस
छात्र सुदामा ने बताया कि इसी डिवाइस के अंदर उन्होंने एक ऐसा सेंसर भी लगाया है. जो की ऑटोमेटिक ही खेतों को पानी पहुंचा सकता है. उन्होंने बताया कि है सेंसर जमीन के अंदर लगाया जा सकता है .इसको नैनो डिवाइस के माध्यम से ऑटो कनेक्ट कर सकते हैं. उससे जैसे ही जमीन को पानी की आवश्यकता होगी. ऑटोमेटिक ही मोटर चल जाएगी. जैसे ही खेत में नमी पूरी हो जाएगी. ऑटोमेटिक ही पानी बंद भी हो जाएगा. हालांकि वह कहते हैं कि अभी एक मॉडल बनाया है. अगर इसमें सपोर्ट मिलेगा तो बड़े स्तर पर इस पर काम किया जा सकता है. जिससे आने वाले समय में किसानों को काफी फायदा होगा.