मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी एक पार्टी को बहुमत न मिलने से सरकार बनाने को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। वर्तमान सरकार का कार्यकाल 9 नवंबर को पूरा हो जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तय किया है कि वो अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी। बीजेपी जानती है कि अगर उसने बिना आंकड़ों के अल्पमत की सरकार बनाई तो इससे शिवसेना को खुले तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एऩसीपी) और कांग्रेस के साथ जाने का बहाना मिल जाएगा।
24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का जो जनादेश आया, उसे देखते हुए राज्य में दो प्रकार से सरकार बन सकती है।
1- शिवसेना और बीजेपी आपस में सुलह करें और सरकार बनाएं।
2- शिवसेना अन्य विकल्प तलाशे और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाए और कांग्रेस उसका समर्थन करे।
पहली सूरत के हकीकत में बदलने के लिए जरूरी है कि शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी छोड़े और बीजेपी भी शिव सेना से किए गए वादे के मुताबिक 50-50 के फॉर्मूले को स्वीकार करे। अगर ऐसा होता है तो बात बन सकती है। हालांकि शिवसेना अपनी बात पर अड़ी हुई है। वह लगातार कह रही है कि उसके पास विकल्प है लेकिन वह सहयोगी दल के निर्णय का इंतजार करेगी।
अगर समय पर सरकार न बनी तो क्या कर सकते हैं राज्यपाल?
समय पूरा होते ही वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ेगा और निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल ख़त्म हो जाएगा। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी फडणवीस को कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त करेंगे। साथ ही सरकार गठन के अन्य विकल्पों को तलाश किया जाएगा। इनमें सबसे बड़ी पार्टी को बुलाकर पूछा जाएगा कि क्या वो सरकार बनाने की स्थिति में है? इसके बाद अन्य पार्टियों या गठबंधन को बुलाया जाएगा।
