बंदरों के आतंक से परेशान हुए यहां के लोग, निजात पाने के लिए कर रहे हनुमान चालीसा का पाठ

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(www.arya-tv.com) बलिया: विगत वर्षों से जिले का जापलिनगंज मोहल्ला बंदरों के आतंक से परेशान हो गया है. आए दिन बंदरों के हमले से कोई न कोई चोटिल हो रहा है. वहीं  अब इन बंदरों से निजात पाने के लिए लोगों ने अनोखा प्रयास किया है. बंदरों के आतंक से निजात पाने के लिए लोगों ने हनुमान चालीसा का सहारा लिया है.  स्थानीय कन्हैयालाल सोनी की मानें तो उनकी पत्नी को भी 2 साल पहले एक बंदर ने काट लिया था. इसके बाद बड़ा कठिन उपचार के बाद तबीयत सही हुई.

स्थानीय लोगों की मानें तो विगत कई वर्षों से ही यह इलाका बंदरों के आतंक से पीड़ित है. तमाम प्रयास किए गए ,  प्रशासन का भी उपाय फेल रहा. अंततः हम लोग हनुमान चालीसा के माध्यम से अर्जी लगाए हैं. ताकि इन बंदरों से अब भी निजात मिल जाए. इधर दो महीने से और ज्यादा बंदरों का आतंक बढ़ गया है. जिसमें बाहर आना-जाना मुश्किल हो गया है.

बंदरों के समस्या का हनुमान चालीसा बना सहारा
बलिया जनपद का जापलिनगंज इलाका पूरी तरह से बंदरों के आतंक से परेशान और लाचार है. इस इलाके में बंदरों की संख्या अधिक है. प्रशासन से मोहल्ले वासियों के द्वारा गुहार भी लगाई  गई, प्रशासन ने प्रयास भी किया लेकिन सफलता नहीं मिली. अंततः इन बंदरों के तांडव से निजात पाने के लिए लोगों ने अजीबोगरीब तरकीब अपनाया. लोगों का मानना है कि बंदर हनुमान के रूप होते हैं अगर हम हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो इन बंदरों से निजात मिल जाएगा. प्रशासन तो हार गया , लेकिन हनुमान चालीसा का तरकीब नहीं हारेगा.

यहां हजारों बंदरों का आवागमन होता है
कन्हैया लाल सोनी ने कहा कि मैं जापलिनगंज के ही गायत्री नगर मोहल्ला के रहने वाला हूं. यहां हजारों बंदरों का आवागमन होता है. 2 साल पहले मेरी पत्नी को एक बंदर ने काट लिया था. जिसका उपचार कठिन परिस्थितियों में करके और किसी प्रकार से इस समस्या से निजात मिला, लेकिन बंदरों का तांडव आज भी जारी है. वही छोटी बच्ची आव्या ने कहा कि आज हनुमान चालीसा का पाठ बंदरों को भगाने के लिए किया गया है. बंदर बहुत हैं, खेलने नहीं देते कई लोगों को काट देते हैं. इसलिए मम्मी पापा ऊपर या बाहर नहीं जाने देते हैं. मैं तो खेल भी नहीं पा रही हूं.