नगर निगम जोन ५ से हटीं संगीता सिंह: अमरजीत यादव बने नए जोनल अधिकारी

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) यूं तो पूरे प्रदेश में नगर निगम अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सदैव सवालों के घेरे में रहता है किंतु प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तो उसकी सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह  दम तोड़ गई है लखनऊ नगर निगम के  जोन 5  की महिला जोनल अधिकारी संगीता सिंह द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन ही नहीं किया जा रहा है इस आशय की एक खबर आर्य टीवी न्यूज़ पर प्रकाशित की गयी थी. जिस का संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त डॉ० इन्द्र जीत सिंह ने उन्हें जोन ५ से हटा कर इलाहाबाद से आये अमरजीत यादव को जोन ५ का जोनल अधिकारी बनाया है.

महीनों लंबित रहती थी  पत्रावलियां 
पूर्व  जोनल अधिकारी अपने पास रोकी गई फाइलों का अंबार लगाए रखती थीं जिसे ना तो वह देख रही थी ना ही हस्ताक्षर करती थी  और ना ही फाइलों का निस्तारण किया जाता था  .एक-एक फाइल  महीनो तक धूल खाया करती है और वे कभी मीटिंग कभी किसी अन्य बहाने से फाइलों का निस्तारण टालती रहती थी  जिसके कारण उपभोक्ताओं को रोज नगर निगम का चक्कर काटना पड़ रहा था .म्यूटेशन गृह कर  निर्धारण  और अन्य आवश्यक तमाम दस्तावेज कार्यवाही होने के कारण एक बड़ी समस्या बन गए थे

कार्यालय की स्थितियां तो और भी खराब

 जोन ५ कार्यालय की स्थितियां तो और भी खराब है ना तो शौचालय की व्यवस्था है और ना ही अन्य कोई सुविधा . समय-समय पर होने वाले कार्यालय के खर्चों को भी कर्मचारी से ही वसूल किया जाता है इस अव्यवस्था के शिकार सभी हैं. किंतु सामने बोलने से कतराते हैं. पहले फाइलों का निस्तारण डाक द्वारा किया जाता था किंतु अब उसे संबंधित बाबू से मिलकर करने को कहा जाता है और यहीं से पैसे का लेनदेन शुरू हो जाता है जिसे लिए बिना फाइल का निस्तारण नहीं किया जा रहा था  देर होने का सारा जिम्मा कर्मचारी पर लगाते हुए जोनल अधिकारी कर्मचारियों पर एक्शन होता था   सूत्रों की माने तो यहाँ कई ऐसे लोग भी रखे गए हैं जो घर घर जा कर गृहकर की वसूली कर रहे हैं और इस बाबत पहले भी समाचार पत्रों में खुलसा हो चुका है जिसे खबर छपने के बाद बंद कर दिया गया था पर अब फिर चालू कर दिया गया है.

म्यूटेशनके लिए  आए एक बुजुर्ग सज्जन ने इस संवाददाता को बताया की उनकी फाइल महीनो से अटकी पड़ी है जबकि वे इसके लिए निर्धारित शुल्क भी नगर निगम में जमा कर चुके हैं जोनल अधिकारी के हस्ताक्षर न करने के कारण उन्हें अभी तक नोटिस नहीं इशू हो पा रही है कई उपभोक्ताओं ने अपनी समस्याएँ  मुख्यमंत्री को आईजीआरएस के माध्यम से अवगत करा दिया है

सुधार की उम्मीद जगी 
विचारणीय प्रश्न यह है नगर निगम में ऐसा कितने दिन और चलेगा जबकि चुनाव सर पर हैं ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशान करने में जोन 5 किसी तरह की कोताही नहीं कर रहा है उनके कार्य निस्तारण न होने  के कारण संबंधित नीचे के कई कर्मचारियों को आए दिन उपभोक्ताओं के सवालों का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से पूरे जोन 5 के कर्मचारियों में बेहद नाराजगी व्याप्त है। नए zo के कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही उपभोक्ताओं और कर्मचारियों  में नयी आशा जगी है की अब शायद  सब कुछ पटरी पर आ जायेगा