नगर निगम के खुले नाले में गिरा युवक, रातभर बाइक के नीचे दबा रहा…मौत

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(www.arya-tv.com) कानपुर में हनुमंत विहार क्षेत्र के नारायणपुरी मोड़ पर सड़क किनारे खुले पड़े नगर निगम के नाले ने एंबुलेंस संचालक की जान ले ली। वह बुधवार रात को बाइक समेत नाले में गिर गया। रातभर नाले में बाइक के नीचे दबा पड़ा रहा। सुबह जब निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी।

पोस्टमार्टम में भी डूबने से मौत की पुष्टि हुई है। नारायणपुरी निवासी जग्गू यादव की तीन बेटों में सुमित यादव (32) सबसे छोटा था। वह मंझले भाई ललित के साथ एंबुलेंसों के संचालन का काम संभालता था। परिजनों ने बताया कि सुमित बुधवार को एंबुलेंसों का हिसाब-किताब करने गया था।

नौबस्ता बंबा के पास स्थित एक अस्पताल के बाहर एंबुलेंस खड़ी कराने के बाद सुमित रात करीब दो बजे बाइक से घर लौट रहा था। आशंका है कि घर से करीब पांच सौ मीटर दूर नारायणपुरी मोड़ के पास किसी वाहन या जानवर से सुमित की बाइक टकरा गई। इससे वह नाले में गिर गया। उसके ऊपर से बाइक भी गिर गई।

पोस्टमार्टम में पानी में डूबने से मौत होने की पुष्टि
गुरुवार सुबह करीब छह बजे एक शख्स ने नाले में बाइक पड़ी देख पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बाइक नंबर के जरिये घरवालों का पता ढूंढा और उन्हें सूचना दी। इस बीच पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से बाइक और शव बाहर निकलवाया। थाना प्रभारी ने बताया कि युवक की नाले में बाइक समेत गिरने से मौत हुई है। पोस्टमार्टम में पानी में डूबने से मौत होने की बात सामने आई है।

बड़े भाई ने देर रात किया था फोन
सुमित का बड़ा भाई ललित भी देर रात करीब 1:30 बजे घर लौटा था। रात 2:15 बजे तक ललित ने सुमित को फोन किया। मोबाइल की घंटी बजी, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इस पर ललित ने सोचा कि सुमित किसी काम में व्यस्त होगा। इसके बाद वह सो गया। जब सुबह तक सुमित घर नहीं पुहंचा, तो परिवार परेशान हो गया था। परिजन सुमित की खोजबीन में जुटे थे, तभी उसके नाले में पड़े होने की खबर पहुंच गई।

20 साल से खुला है मौत का नाला
जिस खुले नाले में गिरकर सुमित यादव की मौत हुई है, वह 20 साल से खुला पड़ा है। पार्षद धीरेंद्र सिंह ने बताया कि नल जब से बना है, तभी से खुला है। करीब एक मीटर चौड़े और चार फीट गहरे इस खुले नाले की वजह से तीन सौ से ज्यादा परिवार खतरे में हैं।

बजट की समस्या बताकर टाल दिया था
पूर्व पार्षद मधु मिश्रा के पति संदीप मिश्रा ने बताया कि एक बार पहले तत्कालीन नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने नाले का निरीक्षण किया था। हालांकि बजट की समस्या बताकर इसे टाल दिया गया था। जोन दो के अधिशासी अभियंता दिवाकर भाष्कर ने बताया कि नाले को ढकने और अधूरा निर्माण पूरा कराने के लिए 49 लाख का प्रस्ताव तैयार किया गया है। आगे की कार्रवाई ही पूरी होने के बाद निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।